न्यूट्रीसनिस्ट के अनुसार प्रातःकाल उठने के पश्चात नित्य क्रिया निवृत्त के बाद एक बेहतर नाश्ता मेटाबॉलिज्म के लिए बेहतर होता है. यदि आप जिम जाते हैं या व्यायाम करते हैं, तो व्यायाम करने से आधा घंटे पहले आपको हल्का-फुल्का एवं पौष्टिक नास्ता अवश्य लेना चाहिए, ताकि पूरे दिन आपकी ऊर्जा बनी रहे. यहां आपको ऐसे ही पांच नास्ते की जानकारी दे रहे हैं, जो पौष्टिक और स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सहजता से तैयार किये जा सकते हैं.
अंडे.
खाने की सभी चीजों में अंडे को सबसे सेहतमंद फूड माना जाता है. इसमें निहित पोषक तत्वों के कारण ही इसे सुपरफूड भी कहा जाता है. एक अंडे में एक चिकन के बराबर न्यूट्रीएंट्स होते है. हाई कोलेस्ट्रॉल युक्त होने के कारण अकसर लोगों को ज्यादा अंडा खाने से मना किया जाता है. लेकिन यह सही नहीं है. क्योंकि बॉडी के सही फंक्शन के लिए कोलेस्ट्रॉल भी बहुत जरूरी होता है. सेल मेंब्रेन में भी कोलेस्ट्रॉल की भूमिका अहम होती है. अंडे की जर्दी में कोलेस्ट्रॉल थोड़ा ज्यादा होता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ सप्ताह में अधिकतम 2 से 6 जर्दी खाने की सलाह देते हैं. अंडा ब्लड शुगर और इंसुलिन के लेबल को बनाए रखने में मदद करता है, अंडे की जर्दी में ल्यूटिन और ज़ेक्सानथिन होते हैं. ये एंटीऑक्सीडेंट मोतियाबिंद और मैकुलर डिजनरेशन जैसे नेत्र विकारों को रोकने में मदद करते हैं. अंडे कोलीन के बेहतर स्रोतों में से एक हैं. यह भी पढ़ें-Things To Do in The Morning: सुबह उठने के बाद सबसे पहले करने चाहिए ये काम, जानें इसके पीछे क्या है आध्यात्मिक, सामाजिक और वैज्ञानिक तर्क
दही.
दही भारतीय खानपान का अहम हिस्सा होता है. इसे किसी भी मौसम में खाया जा सकता है, इसमें मौजूद विशेष पोषक तत्व हर उम्र के व्यक्ति के लिए लाभदायक होते हैं. इसीलिए दही को गुणों का खजाना कहा जाता है. इसके सेवन से शरीर की तमाम तरह की समस्याएं दूर होती हैं. अमूमन दही का सेवन सुबह के समय ज्यादा फायदेमंद होता है. इसे किसी भी रूप में खाना फायदेमंद होता है. दही को प्रोबायोटिक की श्रेणी में रखा जाता है, जिसके कारण यह सेहत के लिए बहुत ज्यादा लाभदायक माना जाता है. दही में प्रोटीन, विटामिन और कैल्शियम के साथ ही फैट भी पाया जाता है, जो सेहत के साथ-साथ सौंदर्य के लिए भी लाभदायक है. यह पाचन तंत्र को सही रखता है. जिन लोगों को कब्ज या लूज मोशन की समस्या होती है, उन्हें भी दही के सेवन से लाभ मिलता है. वहीं कमजोर हाजमे के लिए तो यह और भी लाभदायक है.
दलिया.
सुबह के नाश्ते के लिए दलिया सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है. जौ से बनें दलिया में बीटा-ग्लुकोन नामक अद्वितीय फाइबर होते हैं, और कोलेस्ट्रॉल कम होता है. दलिया खाने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे पाचन तंत्र सुचारु रूप से कार्य करता है. फाइबर से भरपूर होने के कारण पेट संबंधी समस्याओं का सरलता से निदान करता है. दलिया एक बेहतरीन पौष्टिक भोजन है, जो पोषण की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति करता है. खासतौर से जब यह मिश्रित अनाज से बना हो. अगर आप हैवी भोजन को अवॉयड करते हैं तो दलिया आपके लिए अनिवार्य तत्वों की पूर्ति करता है, जिन्हें वजन कम करना है, उन्हें रात के भोजन में सिर्फ दलिया का सेवन करना चाहिए. एक कटोरी पतला दलिया आपकी भूख तो मिटाएगा ही साथ ही पाचन भी सुचारु करता है. फाइबर से भरपूर होने के कारण वजन कम करने में भी मदद करता है. डायबिटीज के रोगियों के लिए दलिया बहुत फायदेमंद होता है. यह मैंगनीज का बेहतरीन स्त्रोत है, जो डायबिटीज को कंट्रोल रखने में मददगार साबित होता है. ज्यादा कैलोरी वाला दलिया ऊर्जा का एक बेहतरीन स्त्रोत है. यह किसी भी मसालेदार स्वादिष्ट खाने की तुलना में दुगुनी ऊर्जा प्रदान करता है.
प्रोटीन शेक.
सुबह के समय कम समय में तैयार करने के लिए प्रोटीन शेक से बेहतर कुछ भी नहीं है. मट्ठा, अंडा, सोया और मटर प्रोटीन सहित कई प्रकार के प्रोटीन पाउडर का इस्तेमाल किया जा सकता हैअच्छी सेहत के लिए नाश्ते में प्रोटीन शेक भी लाभदायक होता है. यह आपके विशिष्ट स्वाद और वेरायटीज के अनुरूप बनाया जा सकता है. यानी जिस तरह का शेक आपको सूट करता है, उसी के अनुसार इसे तैयार किया जा सकता है. प्रोटीन शेक का उपयोग आपके वर्कआउट रूटीन को बढ़ावा देने और वजन घटाने में मदद के लिए किया जा सकता है. अक्सर लोग वर्कआउट के बाद प्रोटीन शेक पीना पसंद करते हैं, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह क्विक ब्रेकफास्ट का विकल्प भी होता है. हमारे शरीर में प्रोटीन की मात्रा का प्रचुर होना जरूरी है. शरीर में प्रोटीन की कमी से कई तरह की परेशानियां हो सकती है. हम जो चीजें खाते हैं उनसे शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन नहीं मिल रहा है तो प्रोटीन शेक का सहारा लेते हैं.
स्प्राउट्स.
अंकुरित अनाज यानि स्प्राउट्स ऐसे बीज होते हैं, जिनसे छोटे- छोटे अंकुर निकलने शुरू होते हैं. यह अंकुरण प्रक्रिया आमतौर पर कई घंटों तक अनाज या बीजों को भिगोने से शुरू होती है. अगर इसकी तैयारी दो दिन पहले से की जाये तो यह सुबह के समय लिया जाने वाला त्वरित तैयार होने वाला नास्ता है. अंकुरित अनाज में पाया जाने वाला स्टार्च- ग्लूकोज, फ्रक्टोज और माल्टोज शर्करा में बदल जाता है, इससे न केवल अनाज का स्वाद बढ़ता है, बल्कि इसके पोषक तत्वों और पाचक गुणों में भी वृद्धि होती है. यही कारण है कि साबुत अनाज की तुलना में अंकुरित अनाज ज्यादा पौष्टिक माने जाते हैं. अंकुरित आहार में क्लोरोफिल, Vitamin A, B, C, D और K प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जोकि कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, मैगनीशियम, आयरन जैसे खनिजों लवणों का बेहतर स्त्रोत है. अंकुरित अनाज में फाइबर, फोलेट, ओमेगा- 3 फैटी एसिड भी पाया जाता है. इनमें खासतौर से विटामिन- सी, बी- कॉम्प्लेक्स, थायमिन, राइबोप्लेविन और नायसिन की मात्रा दोगुनी हो जाती है.