जैसे-जैसे COVID-19 का खौफ दुनिया भर में पांव पसार रहा है, हर कोई कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं. भारत में कोरोनावायरस के कन्फर्म मामलों की संख्या बढ़कर 125 हो गई है, जिसमें 22 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के निर्देशानुसार बाहर से घर आने के बाद लगभग 20 सेकेंड तक हाथों को किसी अच्छी क्वालिटी वाले साबुन से धोने से कीटाणुओं के संक्रमित होने की संभावना काफी कम हो जाती है.
लेकिन हाथ धोने के बाद भी बहुत सारे लोग उसे सुखाना जरूरी नहीं समझते, जो कोरोना जैसी खौफनाक बीमारी के लिए उचित नहीं है. हांलाकि अकसर देखा गया है कि कुछ लोग हाथों को धोते तो हैं, मगर उसे सुखाते नहीं. आखिर लोग स्वच्छता के इतने महत्वपूर्ण पहलू पर क्यों नहीं ध्यान देते.
क्यों जरूरी है हाथों को सुखाना:
जर्नल ऑफ इन्फेक्शन प्रिवेंशन में प्रकाशित एक शोध के अनुसार हाथ धोने के बाद उसे अच्छी तरह से नहीं सुखाने से क्रॉस संक्रमण और पर्यावरणीय प्रदूषण की संभावना बढ़ जाती है. क्योंकि हाथों में नमी के कारण गीली त्वचा में बैक्टीरिया चिपके रह जाते हैं. गीली त्वचा के बीच कीटाणुओं का संचरण शुष्क त्वचा की तुलना में अधिक होता है. इसलिए हाथों को धोने के बाद उसे अच्छी तरह से सुखाना बहुत जरूरी है.
ऐसे सुखाएं हाथ:
साबुन से एक बार अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें. इसके बाद पेपर नैपकीन अथवा साफ कपड़ों से हाथ को अच्छे से सुखाना न भूलें. अगर आप गीले हाथ सुखाने के लिए हैंड ड्रायर्स का प्रयोग कर रहे हैं, तो इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि हैंड ड्रायर से कीटाणु मरते नहीं बल्कि हवा में फैल जाते हैं, जिस हवा में आप सांस लेते हैं. वायु में फैले कीटाणु को अनजाने में अपने शरीर के भीतर ले लेते हैं. हां ये एयर ड्रायर अगर अस्पताल अथवा क्लीनिक में लगा हो तो ठीक है, लेकिन यदि हाथ सुखाने के लिए हैंड ड्रायर ही एकमात्र विकल्प है तो हाथों की नमी को अच्छी तरह सुखा लेना चाहिए.
दरअसल कपड़े अथवा पेपर नैपकीन से हाथों को सुखाने से कीटाणु अच्छी तरह मर जाते हैं, अगर पेपर नेपकीन उपलब्ध नहीं है तो अपने पर्स अथवा पॉकेट में टिश्यु पेपर्स अवश्य रखें और ज्यादा से ज्यादा बार हाथ धोएं और उसे अच्छी तरह से सुखाएं.