Heart Attack: सर्दियां शुरू होते ही बढ़ गए हैं स्ट्रोक के मामले, समय-समय पर करते रहें BP की जांच
Heart (Representative Image: Wikimedia Commons)

सर्दियों की शुरूआत के साथ, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) और राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (आरएमएलआईएमएस) ने नवंबर से स्ट्रोक के मामलों में 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जबकि बलरामपुर अस्पताल, जो शायद ही कभी स्ट्रोक के रोगियों को प्राप्त करता है, वहां भी मामला सामने आया है. अधिकारियों के मुताबिक, केजीएमयू में नवंबर से रोजाना स्ट्रोक के औसतन छह मामले सामने आ रहे हैं, जो अब बढ़कर करीब 10 से 12 हो गए हैं. COVID-19 Cause Brain Fog? अरे, आप कुछ भूल गए, हो सकता है यह Covid-19 का असर हो. 

आरएमएलआईएमएस में यह संख्या 5 से 6 हो गई है. बलरामपुर अस्पताल साप्ताहिक आधार पर कम से कम एक मामला दर्ज कर रहा है. दिल के मरीजों की संख्या में भी 20 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. विशेषज्ञों के अनुसार, तापमान में गिरावट से श्वसन संक्रमण और रक्त वाहिकाओं का संकुचन शुरू हो गया है, जिससे रक्तचाप में वृद्धि हुई है, जिससे लोगों को ब्रेन हेमरेज, इस्केमिक (क्लॉट) स्ट्रोक या दिल का दौरा पड़ने और धमनी में रुकावट होने का खतरा है.

डॉक्टरों ने कहा कि, "हृदय रोग और उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को डॉक्टर के पास जाना चाहिए और अपनी दवाओं की खुराक को संशोधित करवाना चाहिए." केजीएमयू के न्यूरोलॉजी विभाग के संकाय सदस्य प्रोफेसर रवि उनियाल ने कहा, "अगर कोई पहले से ही उच्च रक्तचाप से पीड़ित है और 40 वर्ष से अधिक आयु का है, खासकर सिरदर्द वाले लोगों को सर्दियों में डॉक्टर के पास जाना चाहिए. उन्हें अपना रक्तचाप जांचना चाहिए."

केजीएमयू के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर प्रवेश वर्मा ने कहा, "श्वसन संक्रमण वाले मरीजों में सामान्य व्यक्ति की तुलना में दिल का दौरा पड़ने की छह गुना अधिक संभावना होती है .कम तापमान के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं. रक्त हमारी संकुचित नसों और धमनियों के माध्यम से अंगों तक जाता है. यह उन रोगियों को कमजोर बनाता है जिनके पास थक्का या पट्टिका है या दिल की सर्जरी हुई है."

आरएमएलआईएमएस के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो भुवन तिवारी ने कहा, "40-45 वर्ष से ऊपर के लोगों को शरीर के तापमान में अचानक गिरावट से बचना चाहिए. उन्हें रक्त वाहिकाओं के अचानक संकुचन को रोकने के लिए कई स्तर के कपड़े और मोजे पहनने चाहिए."

कम से कम 50 फीसदी मरीज, जो दिल के दौरे और स्ट्रोक के मामलों से पीड़ित हैं, उन्हें पता ही नहीं चलता कि वे उच्च रक्तचाप से ग्रस्त हैं. उच्च रक्तचाप दिल के दौरे और स्ट्रोक का प्रमुख कारण है.

डॉक्टरों ने कहा, "खासकर 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को समय-समय पर अपने बीपी की जांच जरूर करानी चाहिए. कुछ घंटों के अंतराल में दो बार चक्कर आने पर दवा लेना शुरू कर दें. चूंकि उच्च रक्तचाप किसी भी लक्षण का कारण नहीं बनता है, इसलिए लोग अक्सर यह सोचकर दवा छोड़ देते हैं कि वे ठीक हैं."