Happy Shiv Pratap Din 2022 Greetings: 10 नवंबर 1659 को घटी इस घटना को शिव प्रेमी शिव प्रताप दिन (Shiv Pratap Din 2022) के रूप में मनाते हैं. अफजल खान को मारने में शिवाजी की वीरता उतनी ही प्रशंसनीय है, जितनी उनकी दूरदृष्टी. इस वर्ष शिव भक्त 363वां शिव प्रताप दिवस मनाने जा रहे हैं. कोरोना संकट के बाद अब जब जनजीवन फिर से आजाद हो गया है, ऐसे में संभावना है कि प्रतापगढ़ में फिर भीड़भाड़ होगी. प्रतापगढ़ में देवी की पूजा की जाती है. झंडा फहराने के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को नहलाया जाता है और माल्यार्पण किया जाता है. इसके अलावा किले में महाराज की पालकी का जुलूस भी निकाला जाता है. यह भी पढ़ें: Chanakya Niti: चाणक्य नीति के अनुसार स्त्री की भूख पुरुषों के मुकाबले ज्यादा होती है! जानें स्त्रियों से संबंधित कुछ ऐसी ही रोचक बातें!
अफजल खान ने शिवाजी को बुलाकर प्रतापगढ़ पर हमला करने की योजना बनाई थी. छत्रपति शिवाजी महाराज एक चतुर और दूरदर्शी प्रशासक थे. अफजल खान की यह चाल उन्हें मिलने से पहले ही पता चल गई थी. इसलिए, वह अपने शरीर में कवच और हाथ में बाघ के पंजे के साथ सभा में पहुंचे थे. जैसा कि अपेक्षित था, जब अफजल खान ने शिवराय को गले लगाकर दबाने की कोशिश की तो उन्होंने विरोध किया और अपने बाघों के पंजो के साथ उसका पेट फाड़ कर उसकी हत्या कर दी.
शिवप्रताप दिनाच्या शुभेक्षा
शिवप्रताप दिनाच्या शुभेक्षा
शिवप्रताप दिनाच्या शुभेक्षा
शिवप्रताप दिनाच्या शुभेक्षा
शिवप्रताप दिनाच्या शुभेक्षा
छत्रपति शिवाजी महाराज ने आदिलशाही के मजबूत सरदार अफजल खाना को मार डाला, जिसकी स्वराज्य पर कुटिल नजर थी. इस दिन को इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है. अफजल खान की हत्या, अगर हम इस घटना को याद भी करें, तो रोएं खड़े हो जाते हैं. इस दिन को शिव प्रताप दिवस के रूप में मनाया जाता है. साथ ही शिव प्रताप दिवस के मौके पर शिव भक्तों ने सोशल मीडिया पर अपनी शुभकामनाएं साझा की हैं.