नई दिल्ली, 7 अक्टूबर: आयुष मंत्रालय (Ministry of Ayush) ने मंगलवार को उन दावों को सिरे से खारिज किया कि लंबे समय तक काढ़े का सेवन करने से लीवर को नुकसान पहुंचना है. मंत्रालय का कहना है कि, 'यह गलत धारणा है क्योंकि काढ़ा बनाने में उपयोग होने वाली सभी चीजें घरों में खाना पकाते समय इस्तेमाल की जाती हैं.' गौरतलब है कि कोविड-19 (Covid19) के मद्देनजर आयुष मंत्रालय ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़े के सेवन का सुझाव दिया है.
संवाददाता सम्मेलन में आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि दालचीनी, तुलसी और काली मिर्च का उपयोग काढ़ा बनाने के लिए किया जाता है और उनका श्वसन तंत्र पर अनुकूल प्रभाव होता है. मंत्रालय ने अन्य चीजों के साथ-साथ तुलसी, दालचीनी, कालीमिर्च, सोंठ (अदरक का पाऊडर) और किशमिश का उपयोग कर काढ़ा बनाने और दिन में एक-दो बार उसका सेवन करने की सलाह दी थी.
कोटेचा ने कहा, "ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि काढ़ा से लीवर को नुकसान पहुंचता है. यह गलत धारणा है क्योंकि काढ़े की सारी सामग्री का उपयोग घरों में भोजन पकाने में होता है." साथ ही उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ यह कितना प्रभावी है, इसका पता लगाने के लिए अनुसंधान जारी है.
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