गर्भ निरोधक साधन अनचाहे गर्भ से सुरक्षित ही नहीं रखता है, बल्कि वैवाहिक जीवन को आसान एवं निश्चिंत बनाता है. इसके विपरीत अनचाहा गर्भ जहां माताओं एवं बच्चों के बेहतर देखभाल में व्यवधान पैदा करता है, वहीं माँ और उसके गर्भस्थ अथवा नवजात शिशु की सेहत पर भी दुष्प्रभाव डालता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए 26 सितंबर 2007 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व गर्भनिरोधक दिवस मनाने की घोषणा की. इसका मुख्य उद्देश्य गर्भनिरोधक के महत्व के प्रति आम लोगों को जागरूक करना है. इस दौरान संगठन और सरकार समय-समय पर गर्भनिरोधक की आवश्यकता के बारे में लोगों को जागरूक करते हैं, आइये जानते हैं इस दिवस विशेष के महत्व, इतिहास एवं 6 रोचक फैक्ट के बारे में...यह भी पढ़ें: World Alzheimer's Day 2023: घातक है अल्जाइमर रोग? जानें विश्व अल्जाइमर दिवस का इतिहास, महत्व, लक्षण एवं कारण!
विश्व गर्भनिरोधक दिवस का महत्व
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व गर्भनिरोधक दिवस का महत्व सतत विकास लक्ष्य की तरह है, इसके तहत बताया गया है कि साल 2030 तक परिवार नियोजन, सूचना एवं शिक्षा समेत यौन और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं तक युनिवर्सल पहुंच सुनिश्चित किया जाए और राष्ट्रीय नीतियों और कार्यक्रमों में प्रजनन स्वास्थ्य का समन्वय सुनिश्चित करें. विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार विकासशील देशों में करीब 21 करोड़ से अधिक ऐसी महिलाएं हैं, जो अनचाहे गर्भ से मुक्ति पाना चाहती हैं, लेकिन इसके बावजूद वह गर्भ निरोधक साधनों का इस्तेमाल नहीं किया जाता. इस दिवस का मुख्य उद्देश्य गर्भनिरोधक के महत्व के बारे में जन-जन को जागरूकता करना है.
विश्व गर्भनिरोधक दिवस का इतिहास
साल 1994 में विश्व सम्मेलन के दौरान जनसंख्या और विकास की पृष्ठभूमि के आधार पर बताया गया था कि हर दम्पति को अपनी संतानों की संख्या और अंतराल को चुनने का अधिकार और दायित्व है. यह लक्ष्य 3.7 के अंतर्गत सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा में भी शामिल है. यह मिशन न केवल महिलाओं पर बल्कि उनके माता-पिता, चिकित्सकों और उनसे संबंधित अन्य व्यक्तियों पर भी केंद्रित है, जिन्हें यथासंभव गर्भनिरोधक के बारे में सूचित किया जाना चाहिए. विश्व गर्भनिरोधक दिवस का पहली बार सेलिब्रेशन 27 सितंबर 2007 को किया गया था, जब 10 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा गर्भनिरोधक के बारे में जन जागरण करने एवं नवविवाहितों को परिवार बढ़ाने के बारे में निर्णय लेने का अधिकार दिया था, ताकि प्रत्येक गर्भधारण वांछित हो.
गर्भनिरोधक दिवस से संबंधित कुछ ज्ञानवर्धक तथ्य
* 18 अगस्त 1960 के दिन अमेरिका में पहली बार गर्भनिरोधक गोली इनोविड (Enovid) चर्चा में आई, जिसे एंटी बेबी पिल कहा गया था.
* विश्व भर में बनने वाले हर पांचवें कंडोम में से एक कंडोम मलेशियाई कंपनी कोरेक्स बीएचडी का होता है, जो ड्युरेक्स ब्रांड के नाम से कंडोम बनाती है.
* भारत में करीब 94.5 प्रतिशत विवाहित महिलाओं को गर्भनिरोधक साधनों की जानकारी होने के बावजूद केवल 50 प्रतिशत महिलाएं ही इनका उपयोग करती हैं.
* इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के वैज्ञानिकों ने पुरुषों के लिए पहला मेल बर्थ कंट्रोल इंजेक्शन तैयार किया गया था. इसे लगवाने के बाद 13 वर्षों तक इसका प्रभाव रहता है.
* गर्भनिरोधक गोलियां खाने से गर्भधारण की संभावना लगभग एक फीसदी रह जाती है, किंतु माह में पांच दिन किसी वजह से गोली नहीं ले पाये तो यह संभावना 9 फीसदी चली जाती है.
* प्राप्त जानकारी के अनुसार गर्भनिरोधक गोलियां खाने के बावजूद पूरे विश्व में प्रत्येक वर्ष 9 लाख 60 हजार महिलाएं गर्भवती हो जाती हैं. चिकित्सकों के अनुसार इसके पीछे हार्मोन्स एवं कुछ अन्य वजहें होती हैं.