Vat Purnima 2020 Messages In Hindi: आज देश के पश्चिमी हिस्से खासकर महाराष्ट्र (Maharashtra) और गुजरात (Gujarat) में अखंड सौभाग्य का पावन त्योहार वट पूर्णिमा (Vat Purnima) मनाया जा रहा है. वट सावित्री व्रत (VaT Savitri Vrat) या फिर वट पूर्णिमा का व्रत हिंदू धर्म में सुहागन महिलाओं (Married Women) के लिए बेहद खास माना जाता है. वट सावित्री का व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या (Jyeshtha Amavasya) को किया जाता है, जबकि वट पूर्णिमा का व्रत ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि को रखा जाता है. मान्यता है कि वट पूर्णिमा का व्रत रखने से जीवन साथी के जीवन पर आने वाले सभी संकट दूर होते हैं और उन्हें लंबी आयु मिलती है. सुहागन महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र, अच्छी सेहत और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना से व्रत करती हैं.
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और सज-संवरकर वट वृक्ष की पूजा करती हैं. इस दौरान सावित्री और सत्यवान की कथा सुनने का विधान है. वट पूर्णिमा के शुभ अवसर पर आप अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को इस पर्व की शुभकामनाएं (Vat Purnima Wishes) दे सकें, इसलिए हम लेकर आए हैं शानदार हिंदी कोट्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस, जीआईएफ विशेज, वॉलपेपर्स और शुभकामना संदेश, जिन्हें आप सोशल मीडिया के जरिए भेज सकते हैं.
1- माथे की बिंदिया चमकती रहे,
हाथों में चूड़ियां खनकती रहे,
पैरों की पायल छनकती रहे,
पिया संग प्रेम बेला सजती रहे.
वट पूर्णिमा की शुभकामनाएं
2- सुख-दुख में हम-तुम,
हर पल साथ निभाएंगे,
एक जन्म नहीं सातों जन्म,
पति-पत्नी बन कर आएंगे.
वट पूर्णिमा की शुभकामनाएं
3- आज मुझे आपका खास इंतजार है,
ये खास पर्व है वट पूर्णिमा का,
आपकी लंबी उम्र की मुझे दरकार है,
घर जल्दी आना आपके दीदार का इंतजार है,
आपके लिए सब छोड़ बैठा आपका प्यार है.
वट पूर्णिमा की शुभकामनाएं
4- रखा है व्रत मैंने,
बस एक ख्वाहिश के साथ,
लंबी हो उम्र आपकी,
और हर जन्म में मिले,
हमें एक दूजे का साथ.
वट पूर्णिमा की शुभकामनाएं
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5- बिना खाए पिए व्रत करना,
प्रेम की अटूट परिभाषा है,
हम यूं ही प्रेम बंधन में बंधे रहें,
मेरे दिल की बस यही आशा है.
वट पूर्णिमा की शुभकामनाएं
गौरतलब है कि वट सावित्री का पर्व ज्येष्ठ महीने में दो बार मनाया जाता है. उत्तर भारत में इसे ज्येष्ठ अमावस्या के दिन मनाते हैं तो वहीं पश्चिम भारत के गुजरात और महाराष्ट्र में ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन महिलाएं ये व्रत करती हैं. मान्यता है कि वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश वास करते हैं, इसलिए इस दिन वट वृक्ष की पूजा करने से त्रिदेव प्रसन्न होते हैं. इसके साथ ही इस दिन वट वृक्ष के नीचे सावित्री, सत्यवान और यमराज की पूजा करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.