Shivrajyabhishek Diwas 2020: मराठा साम्राज्य (Maratha Samrajya) के महान शासक छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) के शौर्य, साहस, पराक्रम और महानता के कई दिलचस्प किस्से इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं. आज (6 जून 2020) का दिन महाराष्ट्र (Maharashtra) के साथ-साथ पूरे देश के लिए बेहद खास है, क्योंकि सैकड़ों साल पहले आज ही के दिन 6 जून 1674 को शिवाजी महाराज मुगलों को परास्त कर लौटे थे और उनका राज्याभिषेक संपन्न हुआ था. महाराष्ट्र में करीब 5 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित रायगढ़ के किले में एक भव्य समारोह में उनका राज्याभिषेक किया गया था. इस दिन को शिव राज्योत्सव, शिवराज्याभिषेक दिवस (Shivrajyabhishek) और हिंदू साम्राज्य दिवस (Hindu Samrajya Diwas) के तौर पर मनाया जाता है, जबकि हिंदू पंचांग के अनुसार, शिवराज्याभिषेक दिवस ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी को मनाया जाता है. 17वीं शताब्दी के महान शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के साथ ही हिंदवी स्वराज की स्थापना हुई थी और वे छत्रपति कहलाए.
इस दिवस को ऐतिहासिक तौर पर महान मराठा साम्राज्य के शासक शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक उत्सव के तौर पर देखा जाता है. महाराष्ट्र के इस वीर योद्धा और महान शासक ने मुगलों और अन्य कई साम्राज्यों को चुनौती देते हुए हिंदवी स्वराज की स्थापना की थी. महाराष्ट्र का इतिहास मराठा साम्राज्य के इस महान राजा के साहस, शौर्य, पराक्रम, वीरता, युद्ध कौशल और उनकी दयालुता के किस्सों से भरा पड़ा है. यह भी पढ़ें: Shivrajyabhishek Diwas 2020 Wishes & HD Photos: शिवराज्याभिषेक दिवस पर अपने प्रियजनों को इन शानदार हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Messages, GIF Greetings, Images, Wallpapers के जरिए दें शुभकामनाएं
छत्रपति शिवाजी महाराज एक साहसी, पराक्रमी, वीर और कुशल शासक थे. उनका जन्म 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी दुर्ग में हुआ था. माता जीजाबाई और पिता शाहजी भोसले द्वारा दिए गए संस्कारों के कारण ही वे महान बने. उनका पूरा नाम शिवाजी राजे भोसले था. बचपन में ही शिवाजी ने अपनी माता जीजाबाई से युद्ध कौशल और राजनीति की शिक्षा प्राप्त कर ली थी. बचपन से ही खेल-खेल में वे किले जीतने लगे थे.
शिवाजी महाराज एक धर्म निरपेक्ष शासक थे और वे केवल अपने राज्य की रक्षा करने के लिए युद्ध करते थे. उन्हें गोरिल्ला युद्ध नीति का जनक कहा जाता है, जिससे वे बड़ी-बड़ी सेनाओं को हराने में कामयाब हो जाते थे. उन्हें नौसेना की स्थापना करने वाले राजाओं में सर्वप्रथम माना जाता है, क्योंकि उन्होंने ही सबसे पहले नौसेना की अहमियत को समझते हुए विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग और जयगढ़ किले में इसकी स्थापना की थी. दरअसल, युद्ध में जो सैनिक आत्मसमर्पण कर देते थे, उन्हें वे अपनी सेना में शामिल कर लेते थे. महज 15 साल की उम्र में उन्होंने बीजापुर किले पर अपना कब्जा कर लिया था. यह भी पढ़ें: Shivrajyabhishek Diwas 2020: ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी को हुआ था शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक, जानें शिवराज्याभिषेक दिवस का इतिहास
शिवाजी महाराज को आज भी उनकी वीरता, पराक्रम, शौर्य और दयालु स्वभाव के कारण जाना जाता है. वे महिलाओं का विशेष सम्मान करते थे. अफजल खान का वध, शाइस्ता खान को हराना और औरंगजेब की गिरफ्त से बाहर निकलना उनके साहस और शौर्य को दर्शाता है. संत रामदास उनके आध्यात्मिक गुरु थे, लेकिन वे संत तुकाराम से भी अत्यधिक प्रभावित थे. मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले महराष्ट्र के इस महान शासक और हिंदू हृदय सम्राट कहे जाने वाले शिवाजी महाराज का महज 52 साल की उम्र में 3 अप्रैल 1680 को निधन हो गया था.