Ramadan Mubarak 2019: इस्लाम धर्म (Islam) के सबसे पाक महीने रमजान (Ramzan) के दौरान मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) के लोग रोजा रखते हैं और पूरे दिल से अल्लाह की इबादत करते हैं. रमजान में रोजा रखकर लोग सही मायनों में अपनी आदतों और इंद्रियों पर नियंत्रण लाने की कोशिश करते हैं. रमजान में 30 दिनों तक रोजा रखकर लोग अपनी सभी बुरी आदतों से तौबा कर लेते हैं और अच्छाई व नेकी के रास्ते पर चलते हैं. इस दौरान सिर्फ भूखे प्यासे रहने का ही नियम नहीं है, बल्कि व्यक्ति अपने आंख, कान और जीभ का भी रोजा रखता है. इसका मतलब यह है कि रमजान के पाक महीने में न बुरा देखें, न बुरा सुनें और न ही जुबान से बुरे अल्फाज निकालें.
कहा जाता है कि रमजान में अल्लाह अपने बंदों के लिए जन्नत के दरवाजे खोल देते हैं. इस दौरान पूरे एक महीने तक लोग अल्लाह की इबादत करके अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं. बता दें कि रमजान के पाक महीने की शुरुआत के साथ ही एक-दूसरे को मुबारकबाद देने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. इस खास मौके पर आप भी इन शानदार मैसेजेस व विशेज को WhatsApp Stickers, SMS और Facebook Greetings के जरिए भेजकर सभी से रमजान मुबारक कह सकते हैं.
मुबारक हो आपको खुदा की दी यह जिंदगी,
खुशियों से भरी रहे आपकी यह जिंदगी,
गम का साया कभी आप पर न आए,
दुआ है यह हमारी आप सदा यूं ही मुस्कुराएं,
रमजान मुबारक !
चांद से रोशन हो रमजान तुम्हारा,
इबादत से भर जाए रोजा तुम्हारा,
हर नमाज हो कबूल तुम्हारी,
बस यही दुआ है खुदा से हमारी.
रमजान मुबारक !
खुशियां नसीब हो, जन्नत करीब हो,
तू चाहे जिसे वो तेरे करीब हो,
कुछ इस तरह हो करम अल्लाह का,
मक्का और मदीना की तुझे ज़ियारत नसीब हो.
रमजान मुबारक !
रमजान आया है, रमजान आया है,
रहमतों का, बरकतों का महीना आया है,
लूट लो नेकियां जितना लूट सकते हो,
पूरे एक साल में ये ऑफर का महीना आया है.
रमजान मुबारक !
ऐ माह-ए-रमजान आहिस्ता चल,
अभी काफी कर्ज चुकाना है,
अल्लाह को करना है राजी और गुनाहों को मिटाना है,
ख्वाबों को लिखना है और रब को मनाना है.
रमजान मुबारक !
आसमान पे नया चांद है आया,
सारा आलम खुशी से जगमगाया,
हो रही है सहर-ओ-इफ्तार की तैयारी,
सज रही हैं दुआओं की सवारी,
पूरे हो आपके दिल के हर अरमान,
मुबारक हो आप सब को प्यारा रमजान.
रमजान मुबारक !
गौरतलब है कि रमजान के दौरान हर मुसलमान के लिए यह बेहद जरूरी होता है कि वह रोजे के दौरान सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के बीच कुछ भी खाने-पीने से बचे. रोजे के दौरान सुबह सूर्योदय से पहले उठकर रोजेदार पौष्टिक चीजें खातें है, जिसे सहरी कहते हैं और फिर करीब 16 घंटे तक भूखे-प्यासे रहकर सूर्यास्त के बाद इफ्तारी करके रोजा खोलते हैं.