Raksha Bandhan 2019: कई शुभ योगों के बीच बहनें अपने भाई को बांधेंगी राखी, जानें कब से कब तक है मुहूर्त
रक्षाबंधन 2019 (Wikimedia Commons)

Raksha Bandhan 2019: हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा (Shravan Purnima) के दिन रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. सदियों से चली आ रही इस परंपरागत पर्व में बहनें अपने भाई की कलाई में रक्षासूत्र बांधकर उसकी स्वस्थ एवं दीर्घायु की कामना करती हैं, वहीं भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा का वचन देता है. भाई-बहनों का यह पवित्र पर्व इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त के दिन ही मनाया जायेगा. इस वर्ष जो सबसे अच्छी बात है वह यह कि इस बार भद्रा दोष से मुक्त रक्षाबंधन मनाया जायेगा.

कई शुभ योग बन रहे हैं

सुविख्यात ज्योतिषाचार्य पंडित रविंद्र पाण्डेय के अनुसार इस वर्ष रक्षाबंधन पर कुछ अच्छे योग बन रहे हैं. श्रावणी पूर्णिमा पर सात 7 साल बाद पंचांग के पांच अंगों की श्रेष्ठ स्थिति बन रही है. रक्षाबंधन के चार दिन पूर्व गुरू मार्गी सीधी चाल चलना शुरू करेंगे. जो इस पर्व को खुशगवार बनायेगा. इसके अलावा इसी दिन श्रवण नक्षत्र, सौभाग्य योग, बव करण के साथ-साथ सूर्य कर्क राशि में और चंद्रमा मकर राशि में होंगे. ये सारे संयोग रक्षाबंधन के साथ-साथ स्वतंत्रता दिवस को भी खास बनाएंगे. 15 अगस्त के दिन श्रवण नक्षत्र, सौभाग्य योग, बव करण तथा मकर राशि के चंद्रमा की साक्षी में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा. यह भी पढ़ें: Raksha Bandhan 2019 Mehndi Designs: रक्षाबंधन के पर्व पर अपने हाथों में इन आसान तरीकों से बनाएं खूबसूरत मेहंदी डिजाइन, देखें तस्वीरें और वीडियो

क्यों मानते हैं भद्रा नक्षत्र को अशुभ

भद्रा को अशुभ मानने के पीछे धारणा यह है कि रावण ने अपनी बहन सूर्पनखा से भद्रा के दौरान ही राखी बंधवाई थी, इसीलिए एक साल के भीतर ही उसका अंत हो गया. कहा जाता है कि अगर ऐसा नहीं होता तो रावण की जान नहीं जाती. कहा जाता है कि शनि महाराज की बहन भद्रा को ब्रह्मा ने शाप दिया था कि वह किसी भी तरह का वर्जित कार्य नहीं कर सकती. यानी भद्रा काल में जो भी शुभ कार्य होगा, उसका परिणाम अशुभ ही होगा. इस संदर्भ में एक और मान्यता यह भी है कि जिस भी शुभ कार्य में त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) नहीं होते, उस मुहूर्त को शुभ नहीं माना जाता. चूंकि भद्रा काल में शिव तांडव की मुद्रा में रहते हैं, इसलिए उस समय शुभ कार्य नहीं किया जाता. यह भी पढ़ें: Raksha Bandhan 2019 Gift Ideas: रक्षाबंधन के त्योहार को बनाएं यादगार, अपनी बहन को गिफ्ट करें ये खास चीजें

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

शुभ योग बनने के कारण इस वर्ष रक्षाबंधन का त्योहार भद्रा के दोष से मुक्त रहेगा. बहनें सुबह से रात तक भाई की कलाई पर राखी बांध सकेंगी. श्रावणी पूर्णिमा पर सात 7 साल बाद पंचांग के पांच अंगों की श्रेष्ठ स्थिति भी बन रही है. ज्योतिष रवींद्र पाण्डेय के अनुसार पूर्णिमा तिथि 14 अगस्त, बुधवार को दिन में 2:47 बजे से शुरू होगी जो 15 अगस्त की शाम 4:23 बजे तक रहेगी. राहुकाल दिन में 1:30 बजे से दोपहर 3 बजे है. इसलिए राहुकाल के समय को छोड़कर शुभ मुहूर्त में राखी बांधना मंगलकारी रहेगा.