Hindu New Year’s Days 2021 Dates in India: वैसे तो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, 1 जनवरी (1st January) को नए साल के पहले दिन (Firs Day Of New Year) के तौर पर मनाया जाता है, ग्रगोरियन कैलेंडर दुनिया भर में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला कैलेंडर है. भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में 1 जनवरी को नए साल का जश्न मनाया जाता है, लेकिन हिंदू कैलेंडर के अनुसार भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग समय पर नया साल (New Year) मनाया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग पारंपरिक हिंदू कैलेंडर को मानते हैं. गुड़ी पड़वा 2021, उगादी 2021, पुथंडु 2021, बोहाग बिहू 2021, चेटीचंड 2021, वैसाखी 2021, जूर शीतल 2021, पोहेला बैशाख 2021, पना संक्रांति 2021, नवरेह 2021 जैसे त्योहार भारत के विभिन्न क्षेत्रों में मनाए जाते हैं, जो हिंदू नव वर्ष की शुरुआत के प्रतीक हैं.
हिंदू कैलेंडर वर्ष नक्षत्र (सितारों के सापेक्ष सूर्य की गति) पर आधारित है. इसके विपरित पश्चिमी ग्रेगोरियन कैलेंडर उष्णकटिबंधीय वर्ष (मौसमों के चक्र) पर आधारित है. चैत्र हिंदू पंचांग के अनुसार, नए साल का पहला महीना होता है. हिंदू कैलेंडर के चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के पहले दिन नया साल मनाया जाता है. प्रथमा को पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पश्चिमी भारत (महाराष्ट्र, कोंकण, गोवा) में प्रतिपदा के तौर पर जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि 12 अप्रैल को सुबह 8 बजे से शुरू होगी और 13 अप्रैल सुबह 10.17 बजे तक जारी रहेगी. भारत में चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल 2021 से शुरु होगी और 22 अप्रैल 2021 को खत्म होगी.
1- गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa)
गुड़ी पड़वा को महाराष्ट्र नव वर्ष भी कहा जाता है, गुड़ी पड़वा मराठी और कोंकणी हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला एक वसंत त्योहार है. नए साल में गुड़ी पड़वा 13 अप्रैल 2021 (मंगलवार) को मराठी शक संवत् 1943 की शुरुआत में आएगा. इसे संवत्सर पडवो भी कहा जाता है और इस दिन नया संवत्सर (जो कि साठ वर्षों का एक चक्र है) शुरू होता है. यह भी पढ़ें: Lala Ramswaroop Calendar 2021 for Free PDF Download: लाला रामस्वरूप रामनारायण पंचांग के अनुसार यहां देखें नए साल के व्रत, त्योहार और छुट्टियों की पूरी लिस्ट
2- उगादी / चैत्र सुखलदि (Ugadi / Chaitra Sukhladi)
जिस तरह से गुड़ी पड़वा को महाराष्ट्र में नए साल की शुरुआत के तौर पर मनाया जाता है, वैसे ही उगादि/ चैत्र सुखलदि को आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक में नए साल के रूप में मनाया जाता है. उगादि भी 13 अप्रैल 2021 (मंगलवार) को पड़ेगा और तेलुगु शक संवत 1943 की शुरुआत को चिह्नित करेगा.
3- चेटीचंड (Cheti Chand)
चेटीचंड का अर्थ है चैत्र का चंद्रमा और यह हिंदू पंचांग के चंद्र चक्र के बाद का त्योहार है. यह सिंधी हिंदुओं के लिए हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है और इसे सिंधी नव वर्ष भी कहा जाता है. 13 अप्रैल 2021 (मंगलवार) को चेटीचंड पड़ेगा, जिसे झूलेलाल जयंती के रूप में मनाया जाता है.
4- नवरेह (Navreh)
नवरेह या कश्मीरी नव वर्ष कश्मीरी पंडितों के लिए पारंपरिक नव वर्ष का दिन है. चंद्र हिंदू कैलेंडर के चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष के पहले दिन नवरेह मनाया जाता है. नए साल में नवरेह 13 अप्रैल 2021 (मंगलवार) को पड़ेगा.
5- वैसाखी या बैसाखी (Vaisakhi or Baisakhi)
हिंदू कैलेंडर के सौर चक्र के बाद, वैसाखी या बैसाखी के पर्व को पंजाबी हिंदू नए साल के तौर पर मनाते हैं. इस हिंदू सौर नव वर्ष को पंजाबी नव वर्ष के साथ-साथ सिख नव वर्ष भी कहा जाता है. नए साल में बैसाखी 14 अप्रैल 2021 (बुधवार) को पड़ेगी.
6- आषाढ़ी बीज (Ashadhi Bij)
आषाढ़ी बीज गुजरात के कच्छ क्षेत्र में मनाया जाने वाला हिंदू नव वर्ष है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह जून/जुलाई में पड़ता है, जबकि हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन कच्छी नव वर्ष मनाया जाता है. नए साल में कच्छी नव वर्ष 12 जुलाई 2021 (सोमवार) को पड़ेगा.
7- पुथंडु (Puthandu)
पुथंडु को पुथुवृषम या तमिल नव वर्ष के रूप में भी जाना जाता है. यह तमिल कैलेंडर का पहला दिन होता है, जो हिंदू कैलेंडर के सौर चक्र का अनुसरण करने वाला है. नए साल में पुथंडु 14 अप्रैल 2021 (बुधवार) को मनाया जाएगा.
8- विषु (Vishu)
विषु एक हिंदू पर्व है, जो केरल में सौर कैलेंडर के नौवें महीने मेदाम के पहले दिन को चिह्नित करता है. पहले विषु को केरल के नव वर्ष के रूप में मनाया जाता था, लेकिन यह अब चिंगम के पहले दिन को नए साल के तौर पर व्यापक रूप से मनाया जाता है. इसे मलयालम नए साल का पहला दिन माना जाता है. इस साल विषु 14 अप्रैल 2021 (बुधवार) को मनाया जाएगा.
9- जूर शीलत (Jur Sital)
जूर शीतल या मैथिली नव वर्ष 14 अप्रैल 2021 (बुधवार) को मनाया जाएगा, क्योंकि यह हिंदू कैलेंडर बैसाख महीने के पहले दिन पड़ता है. 14 अप्रैल को पारंपरिक तिरहुत पंचांग का पहला दिन भी माना जाता है, जिसका अनुसरण भारत और नेपाल के मैथिली समुदाय के लोग करते हैं.
10- बोहाग बिहू (Bohag Bihu)
बोहाग बिहू जिसे रोंगाली बिहू या असमिया नव वर्ष भी कहा जाता है, बोहाग बिहू एक सप्ताह तक मनाया जाता है. यह असमिया नव वर्ष की छुट्टियों का पहला दिन है. कृषि क्षेत्र से संबंधित लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह बीज बोने के समय को चिह्नित करता है. बोहाग बिहू 14 अप्रैल 2021 (बुधवार) को पड़ेगा.
11- पोहेला बैशाख (Pahela Baishakh)
पोहेला बैशाख या पोहेला बोइशाख या फिर बंगला नोबोबोरशो बंगाली कैलेंडर का पहला दिन है, जो चंद्र हिंदू कैलेंडर के सौर चक्र के अनुसार है, जबकि 14 अप्रैल को बांग्लादेश में एक निश्चित राष्ट्रीय अवकाश होता है. पश्चिम बंगाल में यह उत्सव 14 या 15 अप्रैल 2021 को पड़ेगा.
12- पना संक्रांति (Pana Sankranti)
पना संक्रांति जिसे महा विशुबा संक्रांति के रूप में भी जाना जाता है, भारत के ओडिशा में पारंपरिक नव वर्ष का त्योहार है. हिंदू पंचांग के सौर चक्र के अनुसार, पना 14 अप्रैल 2021 (बुधवार) को मनाया जाएगा.
13- लॉसोन्ग (Losoong)
लॉसोन्ग सिक्किम का नया साल है, जिसे भूटिया जनजाति समुदाय के लोग धूमधाम से मनाते हैं. यह उत्सव हर साल दिसंबर के महीने में मनाया जाता है. यह ज्यादातर 27 दिसंबर को मनाया जाता है. यह भी पढ़ें: Dry Days in India 2021: नए साल में कब-कब बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं होगी शराब, देखें 2021 में पड़ने वाले ड्राई डे की पूरी लिस्ट
14- बेस्टू वारस (Bestu Varas)
बेस्टू वारस या गुजराती नव वर्ष दिवाली के एक दिन बाद आता है. इस वर्ष बेस्टू वारस 5 नवंबर 2021 (शुक्रवार) को मनाया जाएगा. गुजरात और राजस्थान के लोग पारंपरिक विक्रम संवत कैलेंडर का पालन करते हैं और त्योहार की तारीख उसी के अनुसार निर्धारित की जाती है.
15- सांगकेन (Sangken)
सांगकेन 2021 त्योहार 13 अप्रैल (मंगलवार) से शुरू होगा और 15 अप्रैल (गुरुवार) तक चलेगा. यह उत्तर-पूर्वी भारत के पारंपरिक लूनर न्यू ईयर के दिन को खम्पटी, सिंग्पो, तांग्सा, ताई खामयांग, ताई फेक, ताई ऐतोन को चिह्नित करता है.
16- Bwisagu
Bwisagu असम के Bodos के सबसे लोकप्रिय मौसमी त्योहारों में से एक है, Bwisagu का अर्थ है नए साल की शुरुआत, जिसे यहां हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.
हिंदू नव वर्ष 2021 की तिथियां-
बहरहाल, इनके अलावा भी देश में कई अन्य फसलों से जुड़े पर्व हैं, जिन्हें नए साल के तौर पर मनाया जाता है. देश में न केवल 1 जनवरी को नए साल का स्वागत किया जाता है, बल्कि यहां विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न समुदायों द्वारा अलग-अलग तिथियों पर भी नए साल का जश्न मनाया जाता है.