Happy Shivaji Jayanti 2021: देश में छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती की धूम, उनके शौर्य और पराक्रम की गाथाओं को किया जा रहा है याद
छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती 2021: छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती (Shivaji Jayanti) मनाने की शुरुआत सन 1870 में हुई थी. बताया जाता है कि महात्मा ज्योतिराव फुले (Jyotirao Phule) ने पुणे से करीब 100 किलोमीटर दूर रायगढ़ में शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) की समाधि की खोज की थी, जिसके बाद से स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक (Bal Gangadhar Tilak) ने शिव जयंती (Shiv Jayanti) मनाने की परंपरा को आगे बढ़ाया और उनके योगदान पर प्रकाश डालते हुए शिवाजी महाराज की छवि को और भी लोकप्रिय बनाया. बाल गंगाधर तिलक ने भी अंग्रेजों के खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए जनता को इकट्ठा करने के लिए ऐतिहासिक अवसर का जश्न मनाना शुरू कर दिया. हर साल शिवाजी जयंती का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है.

शिवाजी महाराज का जन्म

शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 में शिवनेरी दुर्ग (Shivneri fort) में हुआ था. उनके पिता का नाम शाहजी भोसले और माता का नाम जीजाबाई था. उनके जन्मदिवस के अवसर पर ही हर साल 19 फरवरी को भारत में छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती मनाई जाती है. इस साल महान मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की 391वीं जयंती मनाई जा रही है. शिवाजी महाराज बचपन से ही निडर और साहसी थे. उन्होंने ही मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी. उनकी वीरता और योगदान को याद करने के लिए हर साल यह जयंती मनाई जाती है.

उन्होंने अपने जीवन काल में बहुत सी लड़ाइयां लड़ी और अपने साम्राज्य की न सिर्फ रक्षा की, बल्कि उसका विस्तार भी किया. वो बहुत बुद्धिमान थे और अपने बुद्धिबल का उपयोग करते हुए उन्होंने अपने दुश्मनों को परास्त किया. उनका साहस, शौर्य और पराक्रम हमेशा लोगों के लिए आगे बढ़ने में मददगार साबित हो सके, इसलिए उनकी जयंती को धूमधाम से मनाया जाता है और उनकी वीर गाथाओं को याद किया जाता है. यह भी पढ़ें : Happy Shivaji Jayanti Greetings 2021: शिवाजी जयंती पर ये WhatsApp Stickers, GIF Greetings, Photo SMS भेजकर दें बधाई

शिवाजी महाराज जयंती 2021 ( file image )

ऐसे मनाई जाती है शिव जयंती 

लोग शिवाजी महाराज के सम्मान में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम और जुलूस आयोजित करते हैं. स्कूल में अवकाश भी दिया जाता है. शिवाजी महाराज के जीवन को दर्शाने वाले नाटक भी विभिन्न स्थानों पर आयोजित किए जाते हैं. इस दिन शिवाजी महाराज के जीवन और आधुनिक भारत में उनकी प्रासंगिकता पर भाषण दिए जाते हैं. महाराष्ट्र के लोग इसे अपना गौरव और सम्मान मानते हैं और यहां इस उत्सव की धूम देखते ही बनती है.