Ganeshotsav 2019: गणेशोत्सव (Ganeshotsav) जैसे पर्व का आशय ही है कि पूरे दिन घी और शक्कर से बनी मिठाइयों के भोग का छक कर सेवन करना. अब घी जहां हृदय रोगियों के लिए नुकसानदेह होता है, वहीं शक्कर मधुमेह के रोगियों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. इसके बावजूद अगर आप मोदक (Modak) प्रेमी हैं, और तमाम कोशिशों के बावजूद आप अपनी इस इच्छा पर नियंत्रण नहीं रख पा रहे हैं तो आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. गणपति बप्पा (Ganpati Bappa) के आगमन की खुशी पर आप जी भरकर मोदक का लुत्फ उठाएं, मगर शर्त यही है कि मोदक आप अपने घर पर ही वाष्प में बनायें. मोदक का स्वाद बरकरार रखने के लिए इसमें नारियल, गुड़, शुद्ध घी का खुलकर इस्तेमाल करें. ध्यान रखिये वाष्प से बने मोदक कम कैलोरी होने के कारण किसी के लिए नुकसानदेह साबित नहीं होते, और आप गणपति बप्पा के भोग का जी भरकर आनंद उठा सकते हैं. आइये जानें आप जिन वस्तुओं का प्रयोग मोदक बनाने में करने जा रहे हैं, वे आपके सेहत के लिए किस तरह से लाभकारी है.
किसा हुआ नारियल भूख को रोकता है
मोदक में किसे हुए नारियल का बहुतायत इस्तेमाल किया जाता है. नारियल की खूबी है कि इसे खाने के बाद आप लंबे समय तक अपने भूख पर नियंत्रण रख सकते हैं. दरअसल नारियल में वसा की हलकी-सी मात्रा होती है, जो आपको तृप्ति पहुंचाती है. इसके अलावा ऊर्जा के लिए नारियल से शक्कर प्राप्त होता है, वसा धीरे-धीरे पचता है. यह आपको लंबे समय तक ऊर्जा देता है, ताकि आपके रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) के स्तर को कम करके आपकी भूख और खाने के प्रति ललक कम करता है. यह भी पढ़ें: गणेश चतुर्थी 2019 में कब है? जानिए गणेशोत्सव का महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
गुड़ आयरन को बूस्ट करता है
गुड़ को शक्कर का सबसे उचित विकल्प माना जाता है. मोदक बनाने के लिए शक्कर की जगह गुड़ का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. जैसे शक्कर को ठोस अथवा लिक्विड की तरह इस्तेमाल करते हैं, उसी तरह गुड़ का भी प्रयोग किया जा सकता है. वास्तव में प्रतिदिन थोड़ी मात्रा में गुड़ खाने से आपके दैनिक जरूरत के आयरन की पूर्ति हो जाती है.
घी चयापचय (मेटाबालिज्म) को बढाता है
मोदक में घी मिलाने से संतुलित चयापचय, पाचन और वसा में घुलनशील विटामिन के अवशोषण में वसा का एक स्वस्थ स्त्रोत प्रदान करता है. शुद्ध घी में काफी मात्रा में विटामिन ए तथा लिनोलिक एसिड और ब्यूटिरिक एसिड का संयोग होता है, जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है.
इलायची एसिडिटी से बचाता है
मोदक में इस्तेमाल की जाने वाली इलायची पाचन संबंधी समस्याओं पर नियंत्रण रखती है. इलायची का सत्व ठंडक प्रदान करता है, इसलिए मसाला होने के बावजूद इलायची एसीडिटी से राहत दिलाता है. इसलिए मोदक में इलायची जरूर डालनी चाहिए. यह भी पढ़ें: Ganesh Chaturthi 2019: गणपति बप्पा को मोदक ही क्यों पसंद है! घर बैठे बनाएं, किस्म-किस्म के स्वादिष्ट मोदक
बादाम आपके ऊर्जा के स्तर को ऊपर उठाता है
बादाम और काजू मोदक को स्वादिष्ट तो बनाते ही हैं साथ ही सेहतमंद भी. इन सूखे मेवों में मौजूद विटामिन आपके सेहत के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकते हैं. बादाम में विटामिन बी-2 की उपस्थित के कारण आपकी बॉडी सिस्टम को संतुलित करती है और आपकी शारीरिक थकान को मिटाती है. यदि आपके शरीर में ऊर्जा की कमी है तो बादाम खाने से आपको अतिरिक्त ऊर्जा प्राप्त होगी.
इन दिनों वाष्प से बना भोजन अच्छे सेहत के लिए खाना पकाने की आदर्श तकनीक साबित हो रही है. एक वाष्प में पके हुए मोदक में 126 कैलोरी होती है. जिसमें कार्बोहाइड्रेट लगभग 80 कैलोरी और प्रोटीन 5 कैलोरी होती है.