Ganesh Chaturthi 2019 Date: हिंदू धर्म में कई त्योहार (Festivals) मनाए जाते हैं, इन्हीं विभिन्न त्योहारों में शामिल गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के पर्व को बहुत खास माना जाता है. मान्यता है कि भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश (Lord Ganesh) का जन्म हुआ था, इसलिए हर साल गणेश चतुर्थी का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. गणेशोत्सव (Ganesh Utsav) का त्योहार मुख्यतौर पर महाराष्ट्र (Maharashtra) में 10 दिनों तक बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेशोत्सव का आरंभ होता है और दसवें दिन चतुर्दशी तिथि यानी अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) के दिन इस उत्सव का समापन होता है. गणेश चतुर्थी का पर्व इस साल 2 सितंबर 2019 को मनाया जा रहा है.
हालांकि गणेशोत्सव को लेकर कई दिन पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं. लोग सार्वजनिक पंडालों और अपने घरों की खास तरह से सजावट करते हैं. गणेश चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा अपने भक्तों के बीच आते हैं और हर तरफ गणपति बाप्पा मोरया के नारे गूंजते हैं. गणेशोत्सव के दौरान पूरे 10 दिनों तक भक्त अपने आराध्य की पूजा-अर्चना करते हैं. चलिए जानते हैं गणेश चतुर्थी का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.
गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त-
इस साल गणेश चतुर्थी 2 सितंबर 2019, सोमवार को मनाई जा रही है.
चतुर्थी तिथि आरंभ- 2 सितंबर 2019, सोमवार को सुबह 4. 56 बजे से,
चतुर्थी तिथि समाप्त- 3 सितंबर 2019, मंगलवार देर रात 1.53 बजे तक.
पूजा का मुहूर्त- सुबह 11.00 बजे से दोपहर 1.42 बजे तक. यह भी पढ़ें: बुधवार का दिन है भगवान गणेश के लिए बेहद खास, इस विधि से पूजा करने से दूर होते हैं जीवन के सारे विघ्न
गणेश चतुर्थी पूजा विधि-
- गणेश चतुर्थी पर लोग अपने घरों और पंडालों में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं.
- इस शुभ अवसर पर अपने घर भगवान गणेश की एक प्रतिमा लेकर आएं.
- एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर, विधि-विधान से गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें.
- दूर्वा, गुडहल का फूल, धूप-दीप और अन्य पूजन सामग्रियों से उनका विधिवत पूजन करें.
- गणेश जी को मोदक और लड्डू अतिप्रिय है, इसलिए उन्हें इसका भोग लगाएं.
- सुबह और शाम को गणेश जी की पूजा करने के बाद उनकी आरती उतारें,
- इसी विधि से 9 दिनों तक लगातार गणेश जी की पूजा करें और 10वें दिन विधि-विधान से उनका विसर्जन करें.
गणेश चतुर्थी का महत्व
भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को सोमवार के दिन मध्याह्न काल में स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में हुआ था, इसलिए मध्याह्न काल में भगवान गणेश की पूजा को बेहद शुभ माना जाता है. हिंदू धर्म के पुराणों में गणेश जी को विद्या, बुद्धि, विघ्नहर्ता और सुखकर्ता माना गया है. गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के तौर पर मनाया जाता है. यह भी पढ़ें: Magha Ganesh Jayanti 2019: क्या माघ महीने की चतुर्थी को हुआ था भगवान गणेश का जन्म? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
गणेश चतुर्थी के दिन भक्त विघ्नहर्ता गणेश की प्रतिमा को स्थापित करते हैं और 9 दिनों तक पूजा-अर्चना करने के बाद 10वें दिन उन्हें विदाई दी जाती है. कहा जाता है कि गणेशोत्सव के दौरान विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करने से भक्तों के जीवन के सारे कष्ट दूर होता हैं और उनके जीवन में खुशियां आती हैं.
वैसे तो हर महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को व्रत रखा जाता है और भगवान गणेश की पूजा की जाती है, लेकिन भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी को इन व्रतों में सर्वोत्तम माना जाता है.