मुंबई: देश के आर्थिक राजधानी मुंबई के सबसे बड़े त्योहार गणेश उत्सव (Ganeh Utsav) पर इस साल करोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) का प्रभाव पड़ सकता है. मुंबई में गणशोत्सव के दौरान बप्पा (Ganpati Bappa) के दर्शन करने वालों की संख्या लाखों में होती है, बड़े-बड़े पंडालों में एक साथ हजारों लोग बप्पा के दर्शन के लिए पहुंचते हैं, लेकिन इस साल शहर अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. महाराष्ट्र (Maharashtra) देश का सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है और करोना वायरस का सबसे ज्यादा प्रभाव मुंबई में देखा जा रहा है, इसलिए बीएमसी और सार्वजनिक गणेश मंडल समन्वय समिति ने इस साल गणेश उत्सव सादगी से मनाने का फैसला किया है.
मुबंई स्थित लालबाग के राजा सार्वजनिक गणेश मंडल समिति के अध्यक्ष स्वप्निल परब (Swapnil Parab) का कहना है कि हमारे मंडलों की तैयारियां अब तक नहीं हुई हैं. हर साल मंडल धूमधाम से गणेशोत्सव का पर्व मनाता है, लेकिन इस साल हम सादगी से उत्सव मनाएंगे.
करोना वायरस का डर सिर्फ सार्वजनिक गणेश मंडलों को ही परेशान नहीं कर रहा है, बल्कि इसका प्रभाव मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकारों पर भी पड़ रहा है. हर साल हजारों मूर्तियां बनाकर मुंबई और गुजरात भेजने वाले सबसे बड़े मूर्तिकारों में से एक रेशमा खातू का कहना है कि हमारे कारखाने में काम करने वाले मजदूरों को भी काम करने में डर लग रहा है. हम लोगों से अपील कर रहे हैं कि इस साल गणेशोत्सव का पर्व सादगी से मनाएं. यह भी पढ़ें: Maghi Ganesh Jayanti 2020: सबसे पहले इस रूप में हुआ था गणपति का प्राकट्य, सिद्धिविनायक मंदिर में माघी गणेश जयंती पर होता है विशेष महोत्सव
गौरतलब है कि हर साल अगस्त महीने में होने वाले गणेशोत्सव की सारी तैयारियां मई-जून तक पूरी हो जाती है, लेकिन इस साल कोरोना वायरस प्रकोप के चलते लॉकडाउन किया गया है. ऐसे में अब तक गणेशोत्सव की तैयारियां शुरू नहीं हुई है और कोरोना के प्रकोप को देखते हुए सार्वजनिक मंडलों ने सादगी से गणेश उत्सव मनाने का फैसला किया है.