Bhoot Chaturdashi 2024 Wishes: भूत चतुर्दशी के इन शानदार WhatsApp Stickers, GIF Greetings, HD Images, Wallpapers के जरिए दें बधाई
भूत चतुर्दशी 2024 (Photo Credits: File Image)

Bhoot Chaturdashi 2024 Wishes in Hindi:  हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है, जिसे पश्चिम बंगाल में भूत चतुर्दशी (Bhoot Chaturdashi) के तौर पर जाना जाता है. इस पर्व को छोटी दिवाली, काली चौदस, रूप चौदस, नरक निवारण चतुर्दशी जैसे कई नामों से जाना जाता है. इस पर्व को लक्ष्मी पूजन यानी दीपावली से ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है और इस साल 30 अक्टूबर 2024 को यह तिथि पड़ रही है. भूत चतुर्दशी को देश के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है. इस दिन मृत्यु के देवता यमराज के निमित्त दीपक जलाया जाता है. इस दिन कई जगहों पर रात के समय अघोरी तांत्रिक क्रियाएं की जाती हैं और तंत्र से तांत्रिक भूतों को बुलाते हैं. पश्चिम बंगाल में इस दिन मां पार्वती के उग्र स्वरूप मां काली की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. तंत्र शास्त्र के साधक भी महाकाली की साधना को सबसे प्रभावशाली मानते हैं और बुरी आत्माओं व नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति पाने के लिए मां काली की उपासना की जाती है.

भूत चतुर्दशी के दिन भूतों और बुरी आत्माओं के प्रकोप से बचने के लिए शाम को घरों में मिट्टी के 14 दीपक जलाए जाते हैं, जिन्हें चोड्डो प्रोदीप कहते है. इन दीयों को दरवाजों, खिड़कियों के बाहर, तुलसी के पौधे के पास और अन्य जगहों पर रखा जाता है. इस अवसर पर आप इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स के जरिए भूत चतुर्दशी की बधाई दे सकते हैं.

1- भूत चतुर्दशी की हार्दिक बधाई

भूत चतुर्दशी 2024 (Photo Credits: File Image)

2- भूत चतुर्दशी की शुभकामनाएं

भूत चतुर्दशी 2024 (Photo Credits: File Image)

3- हैप्पी भूत चतुर्दशी

भूत चतुर्दशी 2024 (Photo Credits: File Image)

4- भूत चतुर्दशी मुबारक

भूत चतुर्दशी 2024 (Photo Credits: File Image)

5- भूत चतुर्दशी 2024

भूत चतुर्दशी 2024 (Photo Credits: File Image)

शास्त्रों के अनुसार भूत चतुर्दशी के दिन तांत्रिक पूजा रात्रि में होती है. मान्‍यता है कि भूत चतुर्दशी के दिन एक परिवार के 14 पूर्वज अपने जीवित रिश्तेदारों से मिलने के लिए घर पर पहुंचते हैं, इसलिए इस रात 14 दीए पूर्वजों के नाम जलाए जाते हैं. भूत चतुर्दशी का पर्व भूत-प्रेत या आत्माओं से जुड़ा है, इसलिए इस दिन शाम के बाद तांत्रिक क्रियाओं के लिए तांत्रिकों या अघोरियों का जमावड़ा लगता है. ऐसा कहा जाता है कि तंत्र साधना से इस रात तांत्रिक भूतों को बुलाते हैं और इस क्रिया को भूत उत्सव के रूप में जाना जाता है.