Ashadha Purnima 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि ‘अमावस्या’ और शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को ‘पूर्णिमा’ कहते हैं. हिंदू धर्म में दोनों ही तिथियों का विशेष महत्व है. इन दोनों ही दिनों में स्नान-दान और पूजा-अर्चना का विशेष महत्व वर्णित है. इस वर्ष आषाढ़ माह की पूर्णिमा 3 जुलाई 2023, सोमवार को पड़ रही है. इस दिन गुरू पूर्णिमा के नाम से भी पूजा अर्चना एवं व्रत आदि रखे जाते हैं. मान्यता है कि आषाढ़ पूर्णिमा को गंगा-स्नान करने से जातक के सभी पाप एवं कष्ट मिट जाते हैं, और परम सौभाग्य की प्राप्ति होती है. यहां आचार्य श्री भागवत जी महाराज आषाढ़ पूर्णिमा के दिन पूजा की सही विधि और कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं, जिसके करने से जीवन के सारे रोग-दोष मिट जाते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. यह भी पढ़ें: Guru Purnima 2023 Images & HD Wallpapers: गुरु पूर्णिमा पर ये WhatsApp Stickers, GIFs और Quotes भेजकर दें शुभकामनाएं
इस विधि से करें अनुष्ठान
पौराणिक कथाओं के अनुसार, आषाढ़ पूर्णिमा पर गोपद्म व्रत रखने का विधान है. यानी यह व्रत रखने वाले जातक को इस दिन गाय के मस्तक पर रोली-अक्षत का तिलक लगाकर पूजा करनी चाहिए. इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर गंगा अथवा किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. ऐसा संभव नहीं है तो स्नान के जल में कुछ बूंदें गंगाजल की मिलाकर स्नान करने पर भी गंगा-स्नान के समान पुण्य की प्राप्ति होती है. स्वच्छ वस्त्र पहनकर विष्णु जी की पूजा करें. पूजा में विष्णु जी को पीतांबर, मिट्टी के दीपक इत्र, पीला पुष्प, फल एवं मिष्ठान अर्पित करें. बहुत से भक्त इस दिन भगवान श्री सत्यनारायण की कथा भी सुनते हैं. गौरतलब है कि इस दिन पूजा के समय गरुड़ पर सवार भगवान विष्णु एवं देवी लक्ष्मी की तस्वीर एवं संयुक्त पूजा करनी चाहिए. पूजा के पश्चात गरीबों एवं ब्राह्मण को अपनी सुविधानुसार दान करें.
आषाढ़ पूर्णिमा के दिन करें ये आसान उपाय
* ‘आषाढ़ पूर्णिमा’ को ‘गुरू पूर्णिमा’ के नाम से भी मनाया जाता है. इस दिन देवगुरु बृहस्पति की विशेष कृपा पाने के लिए तुलसी और हल्दी की माला से निम्न मंत्र का 108 बार जाप करें. मान-सम्मान में वृद्धि होगी.
‘ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:’
* नौकरी अथवा व्यवसाय में किसी तरह की दिक्कत आ रही है, अथवा कोई आपके विकास में बाधक बन रहा है तो आषाढ़ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें और पूजा के दरम्यान निम्न मंत्र का 108 बार जाप करें.
‘ॐ नमोः नारायणाय नमः’
* आषाढ़ पूर्णिमा के दिन स्नान-ध्यान के पश्चात लक्ष्मी जी को कमल का पुष्प अर्पित करते हुए निम्न मंत्र का उच्चारण करें. आपके रास्ते में आ रहे सारे आर्थिक संकट दूर हो जायेंगे. आय के सारे मार्ग लाभ खुलेंगे.
‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:’
* आषाढ़ पूर्णिमा के दिन घर के मुख्य द्वार पर पानी मिश्रित हल्दी से स्वास्तिक का चिन्ह एवं उसी हल्दी से देवी लक्ष्मी की चरण पादुका भी बनाएं. ऐसा करने से माँ लक्ष्मी घर में प्रवेश करती हैं, और आपको कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं रहेगी.
* इस दिन भगवान विष्णु का दूध, दही, शहद, शुद्ध घी और शक्कर से बने पंचामृत से स्नान कराने से घर में सुख, शांति एवं समृद्धि आती है. नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं करते.