Diwali Calendar 2022: पांच दिवसीय दीपावली महोत्सव! जानें धनतेरस से भाई दूज तक के पर्वों की तिथियां शुभ मुहूर्त तक की विस्तृत जानकारियां!
दीपावली 2021 (Photo Credits: File Image)

सनातन धर्म में साल के सबसे बड़े पांच दिवसीय पर्वों का सिलसिला कार्तिक मास की अमावस्या से शुरू हो रहा है. इसकी शुरुआत क्रमशः 22 अक्टूबर 2022 धनतेरस (धन्वंतरि जयंती) से 26 अक्टूबर 2022 को भाई दूज तक चलेगा. इस कड़ी में 23 अक्टूबर को काली चौदस, 24 अक्टूबर को दीपोत्सव (लक्ष्मी पूजन), 25 अक्टूबर को काली पूजा (प. बंगाल) और 26 अक्टूबर को भाईदूज, बलिप्रदा, चित्रगुप्त पूजा, एवं गोवर्धन पूजा के साथ सम्पन्न होगा. आइये जानें पर्वों की इस श्रृंखला में पर्व विशेष का महत्व एवं शुभ मुहूर्त के साथ विस्तृत जानकारी. यह भी पढ़ें: Karwa Chauth 2022: कब मनाएं करवा चौथ 13 या 14 अक्टूबर को? जानें क्या हैं व्रत एवं पूजा के नियम, मंत्र, मुहूर्त, एवं करवा चौथ व्रत कथा?

धनतेरस (23 अक्टूबर, 2022)

तमाम पंचांगों के अनुसार, इस वर्ष धनतेरस 23 अक्टूबर 2022 के दिन मनाया जायेगा. इस दिन धन के देवता कुबेर एवं धन्वंतरी देवता की पूजा का विधान है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन खरीदी गई चल-अचल संपत्ति में तेरह गुणा वृद्धि होती है. यही वजह है कि इस दिन अधिकांश लोग जमीन, घर, सोने, चांदी या पीतल के बर्तन आदि खरीदते हैं. ऐसा करना शुभ माना जाता है.

धन्वंतरी देवता की पूजा शुभ मुहूर्त

धन्वंतरि देव की पूजा का शुभ मुहूर्तः 05.44 PM से 06.05 PM (23 अक्टूबर 2022, रविवार) तक

नरक चतुर्दशी (24 अक्टूबर 2022)

धनतेरस के अगले दिन नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है. लेकिन इस बार तिथियां का हेर-फेर कुछ ऐसा है कि इस वर्ष दीपावली के दिन 24 अक्टूबर 2022 को ही नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जायेगा. भागवत पुराण के अनुसार कार्तिक मास की चतुर्दशी के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने भौमासुर जिसे नरकासुर भी कहते हैं का वध कर 16 हजार कन्याओं को मुक्ति दिलाई थी, इसलिए इस दिन को नरक चतुर्दशी के नाम से मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन घर के पिछवाड़े, नाली, शौचालय में से किसी एक जगह पर यमराज के नाम से दीप प्रज्वलित करते हैं.

कार्तिक चतुर्दशी प्रारंभः 06.03 PM (23 अक्टूबर 2022) से

कार्तिक चतुर्दशी समाप्तः 05.07 PM (24 अक्टूबर 2022) तक

शुभ दीपावली (24 अक्टूबर 2022)

सनातन धर्म के प्रमुख पर्वों में एक है शुभ दीपावली. यह पर्व भारत ही नहीं दुनिया भर में मनाया जाता है. इस दिन शुभ मुहूर्त में माँ लक्ष्मी की पूजा की परंपरा है. मान्यता है कि इस दिन माँ लक्ष्मी अपने भक्तों के घर जाती है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं. हिंदू धर्म के अनुसार दीपावली मनाने का एक कारण यह भी है कि भगवान श्रीराम ने राक्षसराज रावण का संहार कर 14 वर्ष का वनवास भोगकर अयोध्या वापस लौटे थे. इस खुशी को लोगों ने दीप जलाकर मनाया था.

लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त

लक्ष्मी पूजा मुहूर्तः 06.53 PM से 08.16 PM (24 अक्टूबर 2022. सोमवार) तक

अमृत काल मुहूर्तः 08.40 AM से 10.16 AM (24 अक्टूबर 2022, सोमवार) तक

अमृत काल मुहूर्तः 08.40 AM से 10.16 AM (24 अक्टूबर 2022, सोमवार) तक

भाई दूज, गोवर्धन पूजा, चित्रगुप्त पूजा (26 अक्टूबर 2022)

पांच दिवसीय पर्व का यह आखिरी दिन होता है. इस दिन का भी बहुत ज्यादा महत्व है. इस दिन जहां बहने अपने भाई की सुरक्षा के लिए विभिन्न रीति-रिवाजों से भाई दूज का पर्व मनाती हैं, वहीं इस दिन इंद्रदेव का घमंड तोड़कर भगवान श्रीकृष्ण ने लोगों से इंद्र के बजाय गोवर्धन पूजा की पूजा के लिए प्रेरित किया. इसी हिंदुस्तान में कायस्थ समाज भगवान चित्रगुप्त के साथ कलम-दवात की पूजा करते हैं

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त 26 अक्टूबर

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्तः 06.39 PM से 08.20 AM (24 अक्टूबर 2022, बुधवार) तक

सूर्य ग्रहणः (25 अक्टूबर 2022)

दीपावली के अगले दिन 25 अक्टूबर 2022 को खंडग्रास सूर्य ग्रहण लग रहा है. इसलिए इस दिन किसी भी तरह की पूजा वर्जित मानी जाती है. इसीलिए गोवर्धन पूजा इसके अगले दिन 26 अक्टूबर 2022 को मनाई जाएगी.