Mansoor Ali Khan Pataudi 84th Birth Anniversary: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान मंसूर अली खान पटौदी खान की आज 84वीं जयंती है. पटौदी के नवाब भारत के सबसे महान कप्तानों में से एक थे. आज ही के दिन भोपाल में 05 जनवरी 1941 को 'टाइगर' यानी की मंसूर अली खान का जन्म हुआ था. उन्होंने अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बना ली थी. फैंस उनको टाइगर पटौदी कहा करते थे. उन्होंने टीम के चरित्र को आकार देने में मदद की. अपने साथियों को यह विश्वास दिलाया कि जीतना संभव है. कप्तान के रूप में उनके कार्यकाल में भारत ने 1967 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपनी पहली विदेशी टेस्ट जीत हासिल की. यह भी पढें: IND vs AUS 5th Test 2025 Milestones: बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के आखिरी टेस्ट में स्टीव स्मिथ ने गंवाया 10,000 रन का ऐतिहासिक मौका, प्रसिद्ध कृष्णा ने किया यादगार कारनामा, डाले स्पेशल मोमेंट पर एक नजर
एक शानदार अंतरराष्ट्रीय करियर के बाद मंसूर अली खान पटौदी ने 1975 में संन्यास ले लिया. 22 सितंबर 2011 को श्वसन विफलता के कारण उनका निधन हो गया. लेकिन आज भी देश उन्हें याद करता है. पटौदी के नवाब ने भारत के लिए कुल 46 टेस्ट मैच खेले. इस दौरान उन्होंने 83 पारियों में 34.91 की औसत के साथ 2793 रन बनाए. जिसमें 6 शतक, 1 दोहरा शतक और 16 अर्धशतक लगाए. मंसूर अली खान पटौदी का बेस्ट स्कोर 203 रन था.
मंसूर अली खान पटौदी ने अपनी आंख कब खो दी?
मंसूर अली खान पटौदी ने 1 जुलाई 1961 को अपनी दाहिनी आंख खो दी थी. वे होव, इंग्लैंड में एक कार दुर्घटना में शामिल थे. महान कप्तान कार की यात्री सीट पर बैठे थे जिसे उनके साथी रॉबिन वाटर्स चला रहे थे. इस दुर्घटना में टूटी हुई विंडस्क्रीन से कांच का एक टुकड़ा उनकी दाहिनी आंख में घुस गया और हमेशा के लिए क्षतिग्रस्त हो गया. टाइगर पटौदी ने अपना पूरा अंतरराष्ट्रीय करियर एक आंख से खेला। उन्होंने 46 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। 2011 में निधन से पहले, पटौदी ने अपनी बाईं आंख दान कर दी थी.
मंसूर अली खान पटौदी के बारे में रोचक बातें
मंसूर अली खान पटौदी का वंश 16वीं शताब्दी से शुरू होता है, जब उनके पूर्वज अली खान अफगानिस्तान से भारत चले गए थे.
महान बल्लेबाज ने अपने आक्रामक व्यक्तित्व और फुर्तीली फील्डिंग कौशल के लिए ‘टाइगर’ उपनाम हासिल किया.
पटौदी परिवार के क्रिकेट के जीन गहरे हैं, क्योंकि उनके पिता इफ्तिखार अली खान पटौदी ने इंग्लैंड के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला था.
टाइगर पटौदी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शहरयार खान के चचेरे भाई भी हैं.
मंसूर अली खान पटौदी ने 1968 में बॉलीवुड अभिनेत्री शर्मिला टैगोर से शादी की. उनके तीन बच्चों में से दो बच्चे सैफ अली खान और सोहा अली खान है. जिन्होंने शर्मिला के नक्शेकदम पर चलते हुए अभिनय की दुनिया में कदम रखा.
एक दुर्घटना में अपनी दाहिनी आंख खोने के बावजूद मंसूर अली खान पटौदी ने भारत के लिए 2793 रन बनाए. जिसमें छह शतक और 16 अर्द्धशतक शामिल हैं.
टाइगर पटौदी की शैक्षणिक यात्रा ने उन्हें इंग्लैंड में स्थानांतरित कर दिया. उन्होंने विंचेस्टर कॉलेज में पढ़ाई की, जहां उन्होंने अपने क्रिकेट कौशल को निखारा.
मंसूर अली खान पटौदी का कौशल सिर्फ क्रिकेट तक ही सीमित नहीं था. उन्होंने अपनी युवावस्था में हॉकी और फ़ुटबॉल जैसे कई अन्य खेल भी खेले.
टाइगर पटौदी की दुर्घटना ने उन्हें टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने से नहीं रोका. अपनी दाहिनी आंख खोने के सिर्फ छह महीने बाद पटौदी ने एक शानदार करियर की शुरुआत की.
सिर्फ़ 21 साल और 77 दिन की उम्र में मंसूर अली खान पटौदी मार्च 1962 में भारत के सबसे युवा टेस्ट कप्तान बने.