Chhath Maha Puja 2022 Program: कब शुरू हो रहा है छठ महापर्व? जानें चार दिन (नहाय खाय, खरना सहित) के इस पर्व का विस्तृत कार्यक्रम!
छठ पूजा(Photo Credits: Wikimedia Commons)

संतान प्राप्ति और उसके सुखी जीवन के लिए प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की षष्ठी के दिन छठ पूजा का महोत्सव मनाया जाता है. छठ का यह महापर्व चार दिनों तक चलता है. आमतौर पर यह पूजा बिहार का मुख्य पर्व है, लेकिन अब पूरे भारत वर्ष विशेषकर दिल्ली एवं मुंबई में इस पर्व की छठा देखते बनती है. भगवान सूर्य को समर्पित छठ का व्रत काफी कठिन व्रतों में एक होता है. संतान की सुरक्षा के लिए मांएं पूरे 36 घंटे का निर्जला व्रत रह कर छठ माता का व्रत रखती हैं. कहीं-कहीं पुरुष भी मन्नत के अनुसार यह व्रत रखते हैं. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष 30 अक्टूबर 2022, रविवार के दिन छठ महोत्सव मनाया जायेगा. आइये जानते हैं चार दिवसीय छठ पूजा के अगले चार दिनों में कब क्या कार्यक्रम होंगे.

छठ पूजा 2022, तिथि एवं शुभ मुहूर्त

30 अक्टूबरः शाम 05.37 PM, सूर्यास्त के समय (संध्या अर्घ्य एवं पूजा)

31 अक्टूबर- प्रातः 06.31 AM, सूर्योदय का समय (सूर्योदय का अर्घ्य एवं पूजा)

छठ पूजा का चार दिवसीय कार्यक्रम

28 अक्टूबर 2022, शुक्रवार: नहाय खाय से छठ महापूजा का शुभारंभ

29 अक्टूबर 2022, शनिवार: खरना

30 अक्टूबर 2022, रविवारः डूबते सूर्य को अर्घ्य, एवं पूजा

31 अक्टूबर 2022, सोमवार, उगते हुए सूर्य को अर्घ्य, एवं छठ पूजा का समापन, एवं पारण

छठ पूजा के विस्तृत कार्यक्रम

28 अक्टूबर 2022 शुक्रवार, ‘नहाय खाय’

छठ पूजा का शुभारंभ 28 अक्टूबर 2022 को ‘नहाय खाय’ से होगा. इस व्रत में साफ-सफाई का बहुत महत्व होता है. इस दिन स्नान-ध्यान के पश्चात घर की साफ-सफाई होती है. इसके बाद शाम के समय हर घरों में प्रसाद के रूप में चने की दाल, लौकी की सब्जी और भात (चावल) इन सारे खानों में सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है.

29 अक्टूबर 2022, शनिवार, ‘खरना’

इस महापर्व का दूसरा दिन (29 अक्टूबर) ‘खरना’ के नाम से जाना जाता है. इस दिन व्रत रहने वाली महिलाएं एवं पुरुष गुड़ की खीर का प्रसाद बनाती हैं. रात में सोने से पूर्व इसे स्वयं ग्रहण करने के बाद प्रसाद के रूप में सभी को बांटा जाता है. बस इसी समय से 36 घंटे की निर्जला व्रत की प्रक्रिया शुरू हो जाती है.

सूर्य को पहला अर्घ्य (30 अक्टूबर 2022, शनिवार)

इस तीसरे दिन सूर्यास्त के पूर्व नदी अथवा तालाब पर जाकर पानी में खड़े होकर अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. अगर तालाब उपलब्ध न हो तो कृत्रिम तालाब बनाकर उसमें पानी भरकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं.

सूर्यास्त काल 05.37 PM

सूर्योदय का अर्घ्य (31 अक्टूबर 2022, सोमवार)

महापर्व छठ के चौथे दिन व्रती नदी अथवा तालाब में स्नान कर उसी पानी में खड़े होकर उदय होते सूर्य को अर्घ्य देते हैं, तथा छठी मइया की विधिवत पूजा होती है. इसके पश्चात व्रत का पारण किया जाता है, और छठी मैया का प्रसाद वितरित किया जाता है.

सूर्योदय काल 06.31 AM

इसके साथ ही छठ के महापर्व का समापन हो जाता है.