कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की द्वितीया के दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है. इस पर्व को यम द्वितीया एवं भ्रातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है. पांच दिवसीय दीपावली महोत्सव का यह एक महत्वपूर्ण त्यौहार है. हिंदी कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष भाई दूज का पर्व 26 अक्टूबर को मनाया जायेगा. सूर्य ग्रहण के ठीक बाद भाई दूज का पर्व पड़ना भाई-बहन के लिए बहुत महत्वपूर्ण एवं सकारात्मक संयोग माना जा रहा है. इस वर्ष धनतेरस की तरह भाई दूज की तिथि को लेकर भी दुविधा हैं. कुछ लोग 26 अक्टूबर 2022 को तो कुछ लोग 27 अक्टूबर 2022 को भाई दूज का पर्व मनाएंगे.
भाई दूज भाई-बहन इन कार्यों से बचें
* भाई दूज के दिन बहन द्वारा भाई को तिलक लगाने एवं आरती उतारने के बाद भाई का मुंह मीठा कराने की बहुत पुरानी परंपरा है. मान्यता है कि ये कार्य करने से पूर्व ना भाई को कुछ खाना चाहिए और ना ही बहन को. तभी भाई दूज का सही प्रतिफल प्राप्त होता है.
* भाई दूज भाई-बहन के प्यार एवं सौहार्द का पर्व है. इस दिन बहन भाई को बड़े प्यार के साथ अपने घर खाने पर आमंत्रित करती है, इसलिए इस दिन किसी भी बात को लेकर भाई बहन के बीच किसी तरह की खटास, विवाद, झगड़ा इत्यादि नहीं होनी चाहिए. यह भी पढ़ें : Bhai Dooj 2022 Messages: हैप्पी भाई दूज! इन हिंदी WhatsApp Stickers, GIF Greetings, Quotes, Photo SMS को भेजकर दें बधाई
* भाई दूज एक धार्मिक पर्व है. इसे देखते हुए इस दिन भाई अथवा बहन किसी को भी मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए. ना ही सिगरेट, शराब अथवा तम्बाकू जैसी नशीली पदार्थों का सेवन करना चाहिए. ऐसा करने से भाई को आर्थिक अथवा अन्य तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
* इस पर्व पर परंपरानुसार भाई बहन के घर जाकर भोजन करता है और बहन उसे टीका करती है. लेकिन इस परंपरा के खिलाफ बहन को भाई के घर नहीं जाना चाहिए. ना ही भाई बहन को अपने घर आने के लिए दबाव डालना चाहिए.
* यह पर्व शुभता का प्रतीक है, इसलिए इस दिन भाई बहन में से किसी को भी काले रंग का वस्त्र नहीं पहनना चाहिए. कहने का आशय नेगेटिविटी दर्शाने वाले वस्त्र किसी को भी नहीं पहनना चाहिए.
* कितनी भी व्यस्तता हो, बहन भाई को एक ऊंची चौकी पर बिठाकर परंपरागत तरीके से ही तिलक एवं आरती का उपक्रम करना चाहिए. यह कार्य खड़े-खड़े नहीं करना चाहिए.
* कोशिश करें कि भाई दूज का पर्व यानी तिलक एवं आरती की प्रक्रिया शुभ मुहूर्त में ही किया जाये.
* इस दिन भाई के आने तक बहन को निर्जला व्रत का पालन करना चाहिए. तिलक तथा आरती के पश्चात नमकीन चीजें नहीं मिठाई ही खिलाना चाहिए. इससे दोनों के बीच रिश्ते मधुर बने रहते हैं. चॉकलेट को मिठाई का विकल्प नहीं मानना चाहिए. चॉकलेट हमारी परंपरा का हिस्सा नहीं है.
* भाई इस पर्व में बहन के समर्पण एवं त्याग की भावना देखें, और भाई दूज की प्रक्रिया पूरी होने के पश्चात बहन को कुछ ना कुछ उपहार अवश्य देना चाहिए.