Bhai Dooj 2022 Wishes in Hindi: पांच दिवसीय दिवाली उत्सव (Diwali Festival) का आखिरी दिन भाई-बहन (Brother-Sister) के स्नेह को समर्पित होता है, क्योंकि इस दिन भाई दूज (Bhai Dooj) का त्योहार मनाया जाता है. इस साल भाई दूज 26 अक्टूबर 2022 को मनाया जा रहा है, जबकि हिंदू पंचांग के मुताबिक भाई-बहन के अटूट बंधन के इस पर्व को कार्ति मास के शुक्ल पक्ष की द्वीतिया तिथि को मनाया जाता है. भाई दूज को भैया दूज (Bhaiya Dooj), भाऊ बीज (Bhau Beej), भातृ द्वितीया (Bhatru Dwitiya) और यम द्वितीया (Yam Dwitiya) के नामों से भी जाना जाता है. रक्षा बंधन की तरह ही भाई दूज का विशेष महत्व बताया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन अगर बहनें अपने भाई के माथे पर स्नेह पूर्वक तिलक लगाती हैं और उन्हें भोजन कराती हैं तो इससे उनके भाइयों को लंबी उम्र, उत्तम आरोग्य और खुशहाल जीवन का वरदान मिलता है. इतना ही नहीं इससे अकाल मृत्यु और यम यातना का भय भी दूर होता है.
दिवाली उत्सव के आखिरी दिन यानी भाई दूज पर बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उसकी लंबी उम्र व खुशहाल जीवन की कामना करती हैं. इसके साथ ही भाई-बहन एक-दूसरे को शुभकामना संदेशों के जरिए बधाई देते हैं. ऐसे में आप भी इन प्यार भरे हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए भाई दूज की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- भैया दूज का पावन त्योहार है,
भाई को तिलक लगाने के लिए बहना तैयार है,
जल्दी से लगवा लो तिलक मेरे भैया,
आपसे गिफ्ट लेने के लिए ये बहना तैयार है.
भाई दूज की शुभकामनाएं
2- खुशनसीब होती है वो बहन,
जिसके सिर पर भाई का हाथ होता है,
हर परेशानी में उसके साथ होता है,
लड़ना-झगड़ना फिर प्यार से मनाना,
तभी तो इस रिश्ते में इतना प्यार होता है.
भाई दूज की शुभकामनाएं
3- बहन लगाती तिलक, फिर मिठाई है खिलाती
भाई देता है पैसे और बहन है मुस्कुराती,
भाई-बहन का ये रिश्ता ना पड़ें कभी लूज,
मेरे प्यारे भैया मुबारक हो आपको भाई दूज.
भाई दूज की शुभकामनाएं
4- दिल की यह कामना है,
कि आपकी जिंदगी,
खुशियों से भरी हो,
कामयाबी आपके कदम चूमे,
और हमारा यह बंधन,
सदा ही प्यार से भरा रहे.
भाई दूज की शुभकामनाएं
5- ये दिन, ये त्योहार खुशी का,
पावन जैसे नीर नदी का,
भाई के उजले माथे पर ,
बहन लगाए मंगल टीका.
भाई दूज की शुभकामनाएं
भाई दूज से जुड़ी प्रचलित कथा के मुताबिक, कहा जाता है कि कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन ही मृत्यु के देवता यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने के लिए उनके घर गए थे, तब यमुना ने अपने भाई का स्वागत करते हुए उन्हें प्रेम पूर्वक भोजन कराया था. अपनी बहन यमुना के प्रेम और सम्मान से प्रसन्न होकर यमराज ने उनसे वर मांगने के लिए कहा, तब यमुना ने कहा था कि वो हर साल इस तिथि पर उनसे मिलने आएं और जो भी बहन इस दिन अपने भाई के माथे पर तिलक करके उसे प्यार से भोजन कराए, उसे मृत्यु का भय न रहे और न ही उसे यमलोक की यातना झेलनी पड़े.