Cricketer Murder: कोलकाता में क्रिकेटर डेभ घोष की हत्या, नशीली पदार्थ खिलाकर 17 वर्षीय खिलाड़ी को उतारा मौत के घाट
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Cricketer Murder: कोलकाता के एक अस्पताल में एक उभरते हुए क्रिकेटर की लाश मिली, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि उसे नशीला पदार्थ दिया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई. 17 वर्षीय डेभ घोष पश्चिम बंगाल के हसनाबाद से था, 18 जनवरी को कोलकाता शहर में क्रिकेट खेलने आया था. वह शहर के एक क्लब में मैच खेलने के लिए आया था, जो उसकी जि़ंदगी का सपना था, लेकिन उसे नशीला पदार्थ देकर लूट लिया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई. 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' के अनुसार, घोष पर कुछ युवकों द्वारा हमला किया गया था. उसके परिवार ने दावा किया कि उसे नशीला पदार्थ दिया गया और उसका मोबाइल फोन और पर्स लूट लिया गया. बाद में उसे एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत बिगड़ने पर उसे दूसरे अस्पताल में भेजा गया, लेकिन इलाज के बावजूद डेभ घोष ने दम तोड़ दिया. यह भी पढ़ें: फैन ने महाकुंभ में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की जर्सी की लगाई डुबकी, IPL ट्रॉफी जीत की मांगी दुआ, देखें वीडियो

घोष के परिवार ने आरोप लगाया कि कोलकाता और उत्तर 24 परगना जिलों के पांच पुलिस थानों ने गुमशुदगी का मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया था. इसके बाद परिवार ने एसएसकेएम अस्पताल में प्रदर्शन किया, जहां घोष का निधन हुआ था. परिवार का दावा था कि मेडिकल और पुलिस लापरवाही के कारण ही उनके बेटे की मौत हुई. पुलिस ने इस मामले में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया और शव का पोस्टमॉर्टम कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी.

घोष के माता-पिता ने बताया कि उन्हें 19 जनवरी, रविवार को सुबह 7 बजे मिनाखान ग्रामीण अस्पताल से फोन आया, जहां उनके बेटे को भर्ती कराया गया था. पिता उज्जवल घोष ने कहा, "वह चूर था और उसने हमें बताया कि उसे कुछ व्यक्तियों ने सायंस सिटी में बस से उतारने के बाद नशीली ड्रिंक पिलाई और फिर उसका पर्स और मोबाइल फोन लूट लिया."

मां मीना घोष ने कहा, डॉक्टरों ने बाद में परिवार को एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी, जहां उसे ऑक्सीजन सपोर्ट और ड्रिप्स दी गईं. हालांकि, परिवार का कहना है कि उन्हें इस दौरान कुछ भी नहीं बताया गया कि उसके साथ क्या हुआ. "बाद में हमें पता चला कि वह मर गया। कोई भी हमें नहीं बताने आया कि क्या हुआ".

घोष के परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि प्रदर्शन के दौरान उनकी दादी को चोट आई, लेकिन पुलिस ने इन आरोपों को नकारा. हालांकि एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह कहा कि पुलिस थानों में गुमशुदगी का मामला दर्ज न करने के आरोपों की जांच की जाएगी.