
प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में आस्था और विश्वास की गंगा पूरे उफान पर है. सोमवार को कुंभ मेले के आठवें दिन, 2 बजे तक संगम पर 44 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई. अब तक इस ऐतिहासिक आयोजन में 8 करोड़ से अधिक भक्त संगम तट पर स्नान कर चुके हैं. इसके साथ ही, 10 लाख से अधिक कल्पवासी महाकुंभ के दौरान आध्यात्मिक साधना में लीन हैं.
महाकुंभनगरी में हर दिन लाखों भक्त यहां पहुंच रहे हैं, जिससे कुंभ क्षेत्र में भक्तिभाव का सागर उमड़ पड़ा है. सोमवार सुबह 8 बजे तक ही 22 लाख श्रद्धालु संगम पर पहुंचे और आस्था की डुबकी लगाई.
आगजनी की घटना को लेकर अधिकारी सतर्क
रविवार को कुंभ मेले में एक हादसे के दौरान तीन गैस सिलेंडर फटने से आग लग गई. राहत की बात यह है कि इस घटना में किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई. पुलिस और स्थानीय प्रशासन इस घटना की जांच में जुटे हैं. प्रयागराज के फायर डिपार्टमेंट के डीजी अविनाश चंद्र ने कहा, "घटना की सटीक वजह जांच के बाद ही पता चलेगी. कई अफवाहें फैल रही हैं, लेकिन सच का खुलासा जल्द होगा."
फायर सुरक्षा व्यवस्था
कुंभ क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर फायर ब्रिगेड ने बड़े पैमाने पर इंतजाम किए हैं. 53 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट स्थापित किए गए हैं. 1300 से अधिक फायरमैन और 300 से अधिक फायर व्हीकल तैनात किए गए हैं. हर फायर स्टेशन की रेंज 800 मीटर तक है, जिससे किसी भी आपात स्थिति में 3 मिनट के अंदर प्रतिक्रिया दी जा सके.
महाकुंभ 2025
महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा. यह आयोजन केवल धार्मिक अनुष्ठानों का पर्व नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, आस्था, और एकता का प्रतीक है. यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है. हर साल लाखों श्रद्धालु कुंभ के दौरान संगम किनारे कल्पवास करते हैं. इनकी साधना, तप, और भक्ति महाकुंभ को विशिष्ट बनाती है.