पेशे से सर्जन शख्स कैसे बना लादेन का दोस्त? कौन था अल-जवाहिरी जिसे काबुल में घुसकर अमेरिका ने मार गिराया
Ayman Al Zawahiri (Photo Credit : ANI)

वाशिंगटन, 2 अगस्त : पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा 2011 में एबटाबाद में एक सुनियोजित हमले में खूंखार ओसामा बिन लादेन को बाहर निकाले जाने के बाद अयमान अल-जवाहिरी (Ayman al-Zawahiri) वैश्विक आतंकी समूह अल कायदा के नेता के रूप में सफल हुआ था. अल-जवाहिरी, जो रविवार को काबुल में सीआईए द्वारा किए गए अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया, समूह की कमान संभालने से पहले वह बिन लादेन का शीर्ष डिप्टी था. तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने ट्विटर पर हमले की पुष्टि की और इसकी निंदा की और इसे 'अंतर्राष्ट्रीय सिद्धांतों क स्पष्ट उल्लंघन' बताया.  Al Zawahiri Killed: अल कायदा का सरगना अल-जवाहिरी अमेरिकी ड्रोन हमले में ढेर, जो बाइडेन बोले- न्याय हो चुका है. 

हालांकि, 2020 दोहा समझौता, जो पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन द्वारा अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की अत्यधिक आलोचना की गई थी, ने तालिबान को देश के भीतर आतंकवाद का मुकाबला करने का आह्वान किया. खुफिया सूत्रों के अनुसार, अल-जवाहिरी एक डॉक्टर और मिस्र के इस्लामिक जिहाद आतंकी समूह का संस्थापक भी था, जो बाद में अल कायदा में विलय हो गया.

विदेश विभाग के अनुसार, 71 वर्षीय को एफबीआई के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया गया था और उसे पकड़ने के लिए 2.5 करोड़ डॉलर का इनाम था. मिस्र में जन्मे आतंकवादी ने 11 सितंबर, 2001 को आतंकवादी हमलों की साजिश रचने में मदद की और 1998 में तंजानिया और केन्या में अमेरिकी दूतावास बम विस्फोटों के साथ-साथ यमन में यूएसएस कोल पर 2000 के हमले के संबंध में वांछित था.

उसने सार्वजनिक रूप से आतंकवादियों से अमेरिका और पश्चिमी सहयोगियों पर हमला करने और नागरिकों का अपहरण करने का आग्रह किया था. दूतावास के बम विस्फोटों में 12 अमेरिकियों सहित 224 लोग मारे गए और 4,500 से अधिक लोग घायल हो गए. यूएसएस कोल पर हुए हमले में 17 अमेरिकी नाविकों की मौत हो गई थी. हमलों के अन्य साजिशकर्ता, जिनमें बिन लादेन और मुहम्मद अतेफ शामिल हैं, पहले ही मारे जा चुके हैं.

दूतावास में हुए बम धमाकों के सात अन्य संदिग्ध अमेरिकी जेलों में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. विदेश विभाग के अनुसार, अपनी युवावस्था में अल-जवाहिरी काहिरा में मुस्लिम ब्रदरहुड का सदस्य था. 1980 के दशक के मध्य में बिन लादेन के साथ सेना में शामिल होने से पहले वे मेडिकल स्कूल गए और एक नेत्र सर्जन बन गए. अफगानिस्तान पर सोवियत कब्जे के दौरान वे करीब हो गए. एबटाबाद में बिन लादेन के परिसर में जब्त किए गए दस्तावेजों के अनुसार, अल-जवाहिरी ने 1974 में काहिरा विश्वविद्यालय से स्नातक किया था.

वैचारिक रूप से वह धर्मनिरपेक्ष सरकारों का विरोधी था और उसे 1981 में मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद अनवर अल-सादत की हत्या के बाद बिना लाइसेंस के हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. हाल ही में, उसने इराक और सीरिया में क्रूरता के लिए आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) की निंदा की थी. एक अन्य अल कायदा नेता सैफ अल-अदेल दूतावास में बम विस्फोटों के सिलसिले में एफबीआई की मोस्ट वांटेड सूची में बना हुआ है. अल-जवाहिरी अल कायदा के एक अन्य वरिष्ठ नेता अब्द अल रहमान अल मघरेबी का ससुर भी था.