Vaccination Fraud': 'टीकाकरण धोखाधड़ी' का आरोप लगाने वाली रिपोर्ट गलत और बेबुनियाद- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय
वैक्सीन | प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली, 4 फरवरी : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की कुछ खबरों में 'टीकाकरण धोखाधड़ी' के आरोप लगाए गए हैं और इनमें आगे दावा किया गया है कि दोनों खुराकें प्राप्त किए बिना ही लोगों को धोखे से दो बार टीका लगाने वालों के रूप में पंजीकृत किया गया है. मंत्रालय ने कहा कि स्पष्ट करते हुए कहा कि इस तरह की मीडिया रिपोर्ट न केवल भ्रामक, बल्कि पूरी तरह से गलत और बेबुनियाद हैं. इसके अलावा इन खबरों में यह भी आरोप लगाया गया है कि टीकाकरण के आंकड़ों में गड़बड़ी की जा रही है.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "जिन खबरों में इस तरह के आरोप लगाए गए हैं, उनकी हेडलाइन ही भ्रामक है. इसे लिखने वाले लेखकों को शायद इस बात की जानकारी नहीं है कि स्वास्थ्यकर्मी ही कोविन प्रणाली में टीकाकरण से संबंधित विवरण दर्ज करते हैं. इन लेखकों का दावा है कि डेटा को दर्ज करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों ने ही इन अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं. यह इस बात को दिखाता है कि लेखकों को कोविन पर टीकाकरण के विवरण को दर्ज करने की प्रक्रियाओं की कोई समझ नहीं है." यह भी पढ़ें : वित्त वर्ष 2022-23 में देश की बिजली मांग में छह सात प्रतिशत् इजाफा होने का अनुमान

बयान के अनुसार, "वैश्विक स्तर पर भारत का राष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण अभियान इस तरह का सबसे बड़ा अभियान है. यह कोविन डिजिटल प्लेटफॉर्म की एक मजबूत तकनीकी बैकअप के साथ समर्थित है. बीते एक साल से अधिक की अवधि में इसने कोविड टीकाकरण अभियान में असाधारण प्रदर्शन किया है. इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कोविड टीकाकरण के सभी विवरण दर्ज किए गए हैं." मंत्रालय ने कहा, "कोविन प्रणाली एक समावेशी प्लेटफॉर्म है. पूरे देश में मोबाइल और इंटरनेट की उपलब्धता की सीमाओं और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इसे डिजाइन किया गया है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि भौतिक, डिजिटल या सामाजिक-आर्थिक बाधाओं के बिना हर एक योग्य व्यक्ति के पास टीकाकरण तक पहुंच हो, कोविन में जरूरी सुविधाओं और लचीलेपन को शामिल किया गया है."

मंत्रालय ने स्पष्ट करते हुए आगे कहा, इसके साथ ही टीकाकरण के समय धोखाधड़ी या गलत विवरण की प्रविष्टि को रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) और विशेषताओं को शामिल किया गया है. बयान के अनुसार, हर एक टीकाकरण टीम में एक सत्यापनकर्ता होता है. इसका एकमात्र काम टीकाकरण के लिए आने वाले लाभार्थियों की पहचान स्थापित करना है. इसके अलावा किसी लाभार्थी को कोविन में टीकाकृत के रूप में दर्ज करने से पहले टीकाकरण प्रक्रिया में कई चरण होते हैं. इन चरणों में समय सारणी (शेड्यूल) शामिल है जो कि ऑनलाइन या टीकाकरण केंद्र पर उपलब्ध हो सकता है.

अगला चरण टीकाकरण है. इसके तहत किसी लाभार्थी को टीकाकृत के रूप में उस समय ही दर्ज किया जाता है, जब सत्यापनकर्ता/टीका लगाने वाला एक सफल सत्यापन करता है. मंत्रालय ने कहा कि इस बात की सराहना की जानी चाहिए कि इतनी बड़ी जनसंख्या होने के बावजूद भारत ने अपने राष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू किया है. इसके तहत अब तक 167 करोड़ से अधिक खुराकें दी गई हैं. इसमें 18 साल से अधिक उम्र वाले लोगों के समूह में 76 फीसदी से अधिक को दोनों खुराकें दी गई हैं.