Uttar Pradesh: सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- 'श्रीराम भारतीयता के प्रतीक हैं'
सीएम योगी (Photo Credits ANI)

लखनऊ: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम (Shri Ram) को भारतीयता का प्रतीक कहा है. श्रीराम के जीवन चरित्र को मनुष्यता के प्रतिबिंब की संज्ञा देते हुए उन्होंने कहा कि राम को जिसने जिस भाव से भजा, उसे वैसी ही गति मिली. मुख्यमंत्री योगी, शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर अयोध्या शोध संस्थान (Ayodhya Research Institute) द्वारा प्रकाशित ग्रंथ भारतीय भाषाओं में राम (चार खंड) का विमोचन कर रहे थे. समारोह में उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम (Muslim) आबादी का देश इंडोनेशिया (Indonesia) हो या फिर थाईलैंड (Thailand) और दक्षिण कोरिया (South Korea) जैसे देश, राम सर्वत्र हैं. Uttar Pradesh: सीएम Yogi Adityanath ने बसपा, सपा और कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा- इनके राज में कोरोना आया होता तो भगवान ही मालिक होते

सबने राम की महिमा को सहर्ष अंगीकार किया है. हम रामकथा से परिचित हैं, उसके सभी पात्रों, संवादों को जानते हैं, फिर भी हर साल जब रामलीला का मंचन होता है तो हर कोई पूरे श्रद्धाभाव से एक-एक घटना को देखता है. स्वयं को जोड़ता है. कोरोना काल में जब दूरदर्शन पर रामायण धारावाहिक का प्रसारण हुआ तो उसकी टीआरपी ने कई कीर्तिमान रचे. यही राम की महिमा है. राम को जब भी जितनी बार भी देखा, पढ़ा समझा जाए, हर बार एक नई ऊर्जा से मन प्रकाशित हो उठता है.

योगी ने कहा कि धर्म एक शास्वत व्यवस्था है. वह व्यवस्था जिस पर समाज टिका है. उपासना विधियां अलग-अलग हो सकती हैं. पर धर्म तो एक ही है. अयोध्या शोध संस्थान और वाणी प्रकाशन द्वारा 17 भाषाओं में राम कथा के एक संकलित कर भारतीय भाषाओं में राम (चार खंड) के प्रकाशन को सीएम ने अद्भुत प्रयास पर कहा और बताया कि बहुत जल्द ग्लोबल इनसाइक्लोपीडिया ऑफ राम भी उपलब्ध होगी.

विमोचन समारोह में विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि कुछ समय पहले तक कुछ लोग जो राम को काल्पनिक पात्र बताकर उनका अपमान करते थे आज उनमें अयोध्या का टिकट कटाने की होड़ मची है. उनमें से हर कोई खुद को सबसे बड़ा रामभक्त बताते नहीं थक रहा.

दीक्षित ने कहा कि राम भारत की आत्मा हैं. हमारे प्राण हैं, प्रज्ञा हैं. राम के बिना मनुष्यता की कल्पना नहीं की जा सकती. उन्होंने ग्रन्थ के प्रकाशन पर सभी को बधाई भी दी. कार्यक्रम में राष्ट्रधर्म पत्रिका के संपादक ओम प्रकाश पांडेय ने वाल्मीकि कृत रामायण, तुलसी रामचरित मानस, कृतवास रामायण आदि का उद्धरण देते हुए श्रीराम जीवन चरित के विविध प्रसंगों के माध्यम से आदर्श चरित्र की व्याख्या की और बताया कि किस प्रकार एक कालखंड विशेष में रामकथा में क्षेपक जोड़कर राम की मर्यादा पर आघात करने का कुत्सित प्रयास किया गया.