Sushma Swaraj Death Anniversary: 6 अगस्त सुषमा स्वराज  की पहली पुण्यतिथि, जानें कैसे  बीजेपी की वह नेता जो  25 वर्ष की आयु में  बनी थीं कैबिनेट मंत्री
दिवंगत सुषमा स्वराज (Photo Credits : IANS)
Sushma swaraj Death Anniversary:  6 अगस्त को भारत की पूर्व विदेश मंत्री, कुशल राजनीतिज्ञ और बीजेपी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज की पहली पुण्यतिथि है. इस मौके पर देश के ही नहीं बल्कि विदेशी नागरिक भी सुषमा स्वराज को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं. सुषमा स्वराज (Sushma swaraj) एक ऐसी शख्सियत थीं, जिन्होंने हर मदद मांगने वाले की मदद की, फिर वो चाहे वो पाकिस्तानी ही क्यों न हो. 2014 से 2019 तक वे विदेश मंत्री रहते हुए उन्होंने दुनिया भर में भारतीयों को महज एक ट्वीट पर मदद मुहैया कराई बहुत छोटी उम्र से ही राजनीति में कदम रखने वाली सुषमा स्वराज पेशे से एक वकील भी थीं.
उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत हरियाणा विधानसभा से की और महज 25 वर्ष की आयु में कैबिनेट मंत्री बनीं. उन्हें 7 बार संसद सदस्य और 3 बार विधान सभा सदस्य चुना गया.उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया। सुषमा स्वराज ने राजनीति में आने के बाद कई रिकॉर्ड भी अपने नाम दर्ज कराये. यह भी पढ़े: Sushma Swaraj 68th Birth Anniversary: सुषमा स्वराज की 68 वीं जयंती पर पति स्वराज कौशल, पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और अन्य नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

सुषमा स्वराज के बारे में खास बातें

> 1977: सुषमा स्वराज 25 वर्ष की आयु में हरियाणा की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनीं.

> 1979: 27 वर्ष की आयु में सुषमा स्वराज हरियाणा में जनता पार्टी की राज्य अध्यक्ष बनीं.

> सुषमा स्वराज के पास राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टी की पहली महिला प्रवक्ता बनने का रिकॉर्ड है.

> सुषमा स्वराज के पास 1998 में दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का श्रेय है.

> सुषमा स्वराज पहली महिला केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बनी थीं.

> वो देश की पहली महिला नेता विपक्ष थीं.

> सुषमा स्वराज को हरियाणा राज्य विधानसभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ स्पीकर का पुरस्कार दिया गया था.

> सुषमा स्वराज को 2008 और 2010 में दो बार सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार दिया गया.

> सुषमा स्वराज के पति कौशल स्वराज के पास भारत में सबसे कम उम्र के गवर्नर होने का गौरव है.

> सुषमा स्वराज और कौशल स्वराज लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में प्रतिष्ठित युगल के रूप में मान दर्ज करा चुके हैं.

सुषमा स्वराज अनेक भाषाओं में पारंगत थीं. उन्हें देश की क्षेत्रीय भाषाओं को सीखने में काफी रुची थी. उत्कृष्ट हिंदी और धाराप्रवाह संस्कृत के अलावा अंग्रेजी, हरियाणवी, पंजाबी, उर्दू भी उनकी ज़ुबां पर रहती थी। कर्नाटक से चुनाव लड़ने के दौरान उन्होंने कन्नड़ भी सीखी. संसद में विदेश मंत्री की शपथ उन्होंने संस्कृत में ही ली थी.

प्रखर और ओजस्वी वक्ता की वजह से एक समय अटल बिहारी वाजपेयी के बाद सबसे लोकप्रिय वक्ता थीं। उन्होंने आपात काल के समय जय प्रकाश नारायण के आंदोलन में हिस्सा लिया था. जिसके बाद वह जनता पार्टी की सदस्य बन गईं। बीजेपी-लोकदल सरकार सुषमा स्वराज देश की शिक्षा मंत्री भी रही थीं. अपने कार्यकाल में सुषमा स्वराज ने कई अहम निर्णय भी लिये.

आपको जानकर हैरानी होगी कि लोकसभा का लाइव प्रसारण आज सभी देशवासी सुषमा स्वराज की वजह से ही देख पा रहे हैं। 1996 में दिल्ली से लोकसभा चुनाव जीतकर अटल सरकार में 13 दिनों की सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री बनाई गयीं, अपने छोटे से कार्यकाल में ही उन्होंने लोकसभा में चल रही डिबेट के लाइव प्रसारण का फ़ैसला किया था। सुषमा स्वराज ने दो बार संयुक्त राष्ट्र में भी देश की ओर से संबोधन प्रस्तुत किया था.

सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को अंबाला में हुआ था। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की और 1973 में सुप्रीम कोर्ट में वकील के तौर पर प्रैक्टिस शुरू की. 1975 में सुषमा का पेश से वकील ही कौशल स्वराज के साथ विवाह हुआ। कौशल स्वराज 1990 में मिजोरम के गवर्नर बनाये गये, जो देश के सबसे युवा गवर्नर बने, तब उनकी उम्र 37 साल थी. सुषमा को एक बेटी बांसुरी हैं जो पेशे से वकील हैं.