Sushant Singh Rajput Death Case: मुंबई पुलिस ने कहा- हमें बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया पर 80 हजार से ज्यादा फेक अकाउंट बनाए गए
सुशांत सिंह राजपूत (Photo Credits: Instagram)

Sushant Singh Rajput Death Case: मुंबई पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने खुलासा किया है कि सुशांत सिंह राजपूत मौत केस (Sushant Singh Rajput Death Case) में मुंबई पुलिस की जांच और महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Police) को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया पर 80 हजार से ज्यादा फेक अकाउंट बनाए गए. मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) ने साइबर सेल को पूरे मामले की जांच करके केस दर्ज करने का आदेश दिया है. मुंबई पुलिस की साइबर यूनिट के अनुसार मुंबई पुलिस की जांच के खिलाफ माहौल बनाने के लिए संगठित तरीके से सोशल मीडिया कैंपन चला.

इटली, जापान, पोलैंड, स्लोवेनिया, इंडोनेशिया, तुर्की, थाईलैंड, रोमानिया और फ्रांस जैसे देशों से विदेशी भाषा तक में सोशल मीडिया पोस्ट हुए और #justiceforsushant #sushantsinghrajput और #SSR जैसे हैशटैग ट्रेंड कराए गए. सुशांत सिंह राजपूत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने एम्स डॉक्टर के कथित लीक्ड ऑडियो टेप पर उठाया बड़ा सवाल!

बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद, कई लोगों ने मुंबई पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच पर सवाल उठाया. इंटरनेट यूजर्स ने सुशांत सिंह राजपूत के लिए "न्याय" की मांग करते हुए कई ऑनलाइन अभियान चलाए गए. पूरे मामले में मुंबई पुलिस की भूमिका को शक के घेरे में रखा गया. जिसके बाद जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी गई. मामले में जांच अभी भी जारी है. हालांकि अभी तक यह निष्कर्ष नहीं निकाला है कि अभिनेता की मौत आत्महत्या से हुई थी या नहीं.

मुंबई पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह ने कहा, "मुंबई पुलिस के खिलाफ ये प्रचार सिर्फ इसलिए चलाया गया ताकि हमारा मनोबल तोड़ा जा सके और ये सब तब किया गया जब हमारे 84 जवान कोरोना से लड़ते हुए शहीद हो चुके थे और 6,000 से ज्यादा कर्मी कोरोना के मरीज बन गए थे. ये एक मोटिवेटेड अभियान था जिसका मकसद मुंबई पुलिस को बदनाम करना और जांच को पटरी से उतारना था. सोशल मीडिया पर फेक एकाउंट बनाए गए जिससे पुलिस को अपमानजनक बाते कही गईं.

उन्होंने कहा, हमारी साइबर सेल पूरे मसले की गहराई से जांच कर रही है और जो कोई भी कानून का उल्लंघन करता पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. परमबीर सिंह ने कहा कि हमने बहुत पेशेवर तरीके से केस की जांच की थी. सीबीआई ने एम्स के डॉक्टरों का पैनल बनाया था जिसने हमारी जांच, कूपर हॉस्पिटल और फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट को सही ठहराया है. कुछ लोगों के अलावा किसी को हमारी जांच के बारे में कुछ नहीं पता था लेकिन जांच की आलोचना करने वाले काफी लोग थे.