Sitaram Yechury Dies: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव और पूर्व सांसद सीताराम येचुरी का गुरुवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 72 साल के थे और यहां एम्स में उनका इलाज चल रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली.येचुरी को निमोनिया और फेफड़े में संक्रमण के बाद 19 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था. बाद में उन्हें आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया था. वामपंथी नेता की हाल ही में मोतियाबिंद की सर्जरी हुई थी. सीताराम येचुरी के निधन पर राहुल गांधी, सीएम ममता बनर्जी समेत अन्य नेताओं ने शोक जताया है.
येचुरी के निधन पर शोक जताते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, "सीताराम येचुरी जी एक मित्र थे। हमारे देश की गहरी समझ रखने वाले भारत के विचार के रक्षक थे. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मैं हमारे बीच होने वाली लंबी चर्चाओं को याद करता हूं और दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, दोस्तों और अनुयायियों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है. यह भी पढ़े: Sitaram Yechury: छात्र-कार्यकर्ता से लेकर उदार वामपंथी राजनीति तक का सफर
सीताराम येचुरी के निधन पर राहुल गांधी ने जताया शोक:
Sitaram Yechury ji was a friend.
A protector of the Idea of India with a deep understanding of our country.
I will miss the long discussions we used to have. My sincere condolences to his family, friends, and followers in this hour of grief. pic.twitter.com/6GUuWdmHFj
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 12, 2024
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "यह जानकर दुख हुआ कि सीताराम येचुरी का निधन हो गया है। वह एक अनुभवी सांसद थे और उनका निधन राष्ट्रीय राजनीति के लिए एक क्षति होगी.मैं उनके परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं.
ममता बनर्जी ने जताया शोक:
Sad to know that Sri Sitaram Yechury has passed away. I knew the veteran parliamentarian that he was and his demise will be a loss for the national politics.
I express my condolences to his family, friends and colleagues.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) September 12, 2024
चंद्रबाबू नायडू ने जताया शोक:
Deeply saddened by veteran CPI-M leader, Sitaram Yechury Ji's passing. He was a stalwart who rose from the ranks to become one of the most respected voices in Indian politics. He was known for his intellectual take on issues, and connection with the people at the grassroots… pic.twitter.com/0vL9Jq6ao5
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) September 12, 2024
प्रियंका गांधी ने शोक संदेहस में लिखा "सीताराम येचुरी का निधन हम सभी के लिए बहुत बड़ी क्षति है। हमारे देश के लिए उनकी वर्षों की सेवा और समर्पण अत्यंत सम्मान के योग्य है. सबसे बढ़कर, वे एक सहज रूप से सभ्य इंसान थे, जिन्होंने राजनीति की कठोर दुनिया में संतुलन और सौम्यता की भावना लाई. उनकी आत्मा को शांति मिले और उनके प्रियजनों को इस दुख का सामना करने की शक्ति और साहस मिले.
येचुरी के निधन पर प्रियंका गांधी ने जताया दुख:
The passing away of Shri Sitaram Yechury is a profound loss for all of us.
His years of service and devotion to our country is worthy of the greatest respect. Most of all, he was an inherently decent human being who brought a sense of balance and gentleness to the harsh world… pic.twitter.com/DtwXI11jQb
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 12, 2024
एसपी प्रमुख अखिलेश यादव ने शोक संदेश में लिखा "देश के वरिष्ठ राजनेता एवं सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी जी का निधन, अत्यंत दुःखद ! इश्वर उनकी आत्मा को शांति दें। शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहने का संबल प्राप्त हो. भावभीनी श्रद्धांजलि !"
निधन पर अखिलेश यादव ने जताया शोक:
देश के वरिष्ठ राजनेता एवं सीपीएम के महासचिव श्री सीताराम येचुरी जी का निधन, अत्यंत दुःखद !
इश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।
शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहने का संबल प्राप्त हो।
भावभीनी श्रद्धांजलि ! pic.twitter.com/XUxyAFDILz
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 12, 2024
दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की:
येचुरी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। उनके परिवार में पत्नी सीमा चिश्ती येचुरी और दो बेटे हैं. उन्होंने दिवंगत पार्टी नेता हरकिशन सिंह सुरजीत के मार्गदर्शन में सियासत में कदम रखा था. वह 2015 में प्रकाश करात के बाद माकपा महासचिव बने थे
चेन्नई में 12 अगस्त 1952 को जन्मे
चेन्नई में 12 अगस्त 1952 को जन्मे येचुरी अगस्त 2005 से 2017 तक लगातार दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे थे. वह अप्रैल 2015 से माकपा के महासचिव पद पर थे। इससे पहले 1992 से वह माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और 1984 से माकपा की केंद्रीय समिति से सदस्य रहे थे.
(इनपुट एजेंसी के साथ)