ऑक्सीजन की कमी से श्रीखंड महादेव की यात्रा पर गए 2 श्रद्धालुओं की मौत, 4 लापता
श्रीखंड महादेव यात्रा (Photo Credits: Twitter)

शिमला: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित भारत की सबसे कठिन यात्राओं में से एक श्रीखंड महादेव यात्रा पर निकले दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि दोनों श्रद्धालु की मौत ऑक्सीजन की कमी के चलते हुई है. वहीं किन्नौर के किन्नर कैलाश जाते समय चार लोग नाले में बह गए.

जानकारी के मुताबिक भारी बारिश के कारण प्रशासन ने यात्रा रोक दी है. सेना को किन्नर कैलाश में फंसे 251 श्रद्धालुओं के बचाव व राहत के लिए लगाया गया है. पुलिस के मुताबिक पंचकूला के हरीश कुमार और लखनऊ के सत्रोहन लाल की ठंड और ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हो गई.

स्थानीय पुलिस अधिकारी ने कहा कि 4 लोग खराब मौसम और भारी बारिश के बीच उफनते नाले में उस समय बह गये जब वे इसे पार करने का प्रयास कर रहे थे. उन्होंने कहा गणेश गुफा के निकट फंसे 251 लोगों तथा तेंगलिंग उप नदी पर फंसे 35 लोगों को कृत्रिम पुल बना कर बचाया गया है.  बह गये लोगों में शामिल महिला की शिनाख्त पुणे (महाराष्ट्र) निवासी सिंगटा मोदई के रूप में की गई है। बाकी लोगों का पता नहीं चल सका है.

गौरतलब है कि 16 जुलाई यात्रा के दौरान गुजरात के एक तीर्थयात्री की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. वह अपनी पत्नी और बेटे के साथ आया था. इस साल अबतक चार श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है.

तीर्थयात्रा में 30 किलोमीटर के दुर्गम मार्ग से पैदल गुजरना होता है. 17,600 फुट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड महादेव की चोटी पर जाने के लिए किसी तीर्थयात्री को बिना स्वास्थ्य परीक्षण के जाने की अनुमति नहीं है. सुरक्षा की दृष्टि से तीर्थयात्रियों को यात्रा शुरू करने से पहले अपना नाम पुलिस थाने में पंजीकृत कराना पड़ता है.

तीर्थयात्री शिमला से लगभग 150 किलोमीटर दूर स्थित जाओं से अपनी यात्रा शुरू करते हैं. तीर्थयात्री ऊबड़-खाबड़, ठंडे और दुर्गम मार्ग पर लगभग तीन दिन की पैदल यात्रा पूरी करने के बाद श्रीखंड महादेव चोटी पर पहुंचते हैं और फिर 72 फुट ऊंचे शिवलिंग की पूजा करते हैं.

यात्रा आधिकारिक रूप से 31 जुलाई तक जारी रहेगी। प्रशासन ने लगभग 20,000 तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद जताई है. मान्यता है कि भगवान शिव ने श्रीखंड में ध्यान लगाया था तथा पांडव भी अपने अज्ञातवास के दौरान यहां आए थे.