उत्तर पूर्वी दिल्ली में कई दिनों की हिंसा के बाद स्थिति अब धीरे-धीरे सामान्य हो रही है. सुरक्षा बलों ने गुरुवार तड़के हिंसा प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों में फ्लैग मार्च किया. ये फ्लैग मार्च दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त एस.एन. श्रीवास्तव द्वारा बुधवार-गुरुवार मध्यरात्रि में उत्तरपूर्व जिला में स्थिति का जायजा लेने के कुछ घंटों बाद किया गया. सुरक्षा बलों ने उत्तरपूर्व जिला में सबसे ज्यादा हिंसा प्रभावित क्षेत्रों जाफराबाद, मौजपुर और भजनपुरा में फ्लैगमार्च किया. राष्ट्रीय राजधानी में दशकों बाद हुई इतनी भयानक हिंसा में अबतक 27 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 200 लोग घायल हो गए हैं. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी कि ये हिंसा नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) विरोधियों और समर्थकों के बीच रविवार को शुरू हुई हिंसा के बाद भड़की थी.
अधिकारियों के अनुसार, 25 लोगों की मौत शहादरा स्थित गुरु तेगबहादुर हॉस्पिटल में इलाज के दौरान हुई, वहीं दो लोगों की मौत दिल्ली गेट के पास लोकनायक जय प्रकाश नारायण हॉस्पिटल में हुई. इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोवाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में अलग-अलग दौरा किया.
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जीटीबी हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिडेंट सुनील कुमार ने आईएएनएस से कहा, "उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा में शनिवार से 25 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 200 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. बुधवार को हॉस्पिटल में 22 लोगों की मौत का आंकड़ा जारी हुआ, जिनमें से नौ लोगों की मौत गोली लगने से हुई."
हिंसा में सीएए विरोधियों और समर्थकों, दोनों ने गोली चलाई, जिनमें दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल समेत कई लोगों की मौत हुई. बुधवार को इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) के एक कर्मी अंकित शर्मा का शव भी चांदबाग क्षेत्र में एक नाले में मिला.