Cashless Treatment For All Accident Victims: सड़क हादसों में सबसे ज्यादा लोग भारत में मारे जाते हैं. FICCI की रिपोर्ट के मुताबिक हर साल 15 लाख लोग सड़क हादसों में जान गंवा बैठते हैं. लोग अकसर इलाज नहीं मिलने के कारण सड़क हादसों में दम तोड़ देते हैं. अब मोदी सरकार सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों के लिए बड़ी योजना लाने जा रही है.
सड़क हादसों में होने वाली मौतों को लेकर मोदी सरकार चिंतित है. देश भर में रोड एक्सीडेंट के मामले लगातार बढ़ते नज़र आ रहे हैं. लेकिन अब सड़क हादसों में पीड़ितों के इलाज के लिए कैशलेस चिकित्सा (Cashless Treatment) व्यवस्था शुरू करने की तैयारी की जा रही है. ताकि लोगों की जान बचाई जा सके. UPI Transactions in November: नवंबर में यूपीआई ने बनाया नया रिकॉर्ड, ट्रांजैक्शन 17.4 लाख करोड़ रुपये के पार, 11 बिलियन से अधिक लेनदेन
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय अगले 3 से 4 महीनों में देश भर में सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों के लिए कैशलेस चिकित्सा उपचार शुरू कर सकता है. ये योजना नई संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट 2019 का हिस्सा होगी. हालांकि, कुछ राज्य पहले से ही कैशलेस उपचार की योजना लागू किए हैं, लेकिन अब इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा.
दिल्ली में आयोजित 'ग्लोबल रोड सेफ्टी इनिशिएटिव' में इस योजना की घोषणा की गई. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन के मुताबिक कैशलेस ट्रीटमेंट को मोटर व्हीकल एक्ट द्वारा परिभाषित गोल्डन ऑवर रोड एक्सीडेंट पीड़ितों के लिए भी बढ़ाया जाएगा."
किसी हादसे में घायल हुए लोगों की जान बचाने के लिहाज से हादसे के एक घंटे के भीतर का समय काफी अहम माना जाता है और इसे मेडिकल फील्ड में 'गोल्डन ऑवर' कहा जाता है.
सरकार का लक्ष्य है कि साल 2030 तक सड़क हादसों को 50 प्रतिशत तक कम किया जाए, इसके लिए मंत्रालय ने सड़क सुरक्षा के एक बहु-आयामी (5E) रणनीति तैयार की है. '5E' का मतलब, एजुकेशन, इंजीनियरिंग (वाहनों के लिए), इफोर्समेंट और इमरजेंसी केयर है.