कोलकाता, 5 दिसम्बर: कलकत्ता हाई कोर्ट की एक बेंच ने सोमवार को कुछ इलाकों में अंधेरे का फायदा उठाकर बलात्कार या बलात्कार के प्रयास को रोकने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है. विशेष समिति पश्चिम बंगाल में उन दूरदराज के क्षेत्रों की पहचान करेगी जहां अभी तक बिजली के कनेक्शन नहीं हुए हैं. Uttarakhand: शादी के बाद पति ने बुक कराया 4 लाख का हनीमून पैकेज, पत्नी किसी और के साथ पहुंची मालदीव
कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की बेंच ने पश्चिम बंगाल में बलात्कार के हालिया मामलों पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह कदम उठाया है. जनहित याचिका में याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि कुछ इलाकों में बिजली कनेक्शन की कमी के कारण अंधेरा, वास्तव में बलात्कार या बलात्कार की कोशिश को बढ़ावा दे रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, बेंच ने पहले राज्य बिजली विभाग और पश्चिम बंगाल विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को पूरे राज्य में बिजली कनेक्शन की स्थिति पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था. सोमवार को जैसे ही बिजली विभाग ने अपनी रिपोर्ट दाखिल की तो राज्य सरकार ने माना कि कुछ ऐसे इलाके हैं जहां बिजली कनेक्शन अभी तक नहीं पहुंचे हैं.
हाईकोर्ट की बेंच ने जहां बिजली कनेक्शन नहीं पहुंचे हैं उनकी पहचान के लिए जिलेवार समितियों के गठन का आदेश दिया है. प्रत्येक समिति का प्रतिनिधित्व जिला मजिस्ट्रेट, जिला पुलिस अधीक्षक, डब्ल्यूबीएसईडीसीएल के जोनल और क्षेत्रीय प्रबंधकों और एक स्वतंत्र अधिवक्ता द्वारा किया जाएगा.
कोर्ट के आदेश के अनुसार, यह प्रक्रिया आदिवासी बहुल पुरुलिया जिले के उन दूर दराज के इलाकों से शुरू होगी जहां बिजली कनेक्शन की कमी सबसे ज्यादा है. समिति अगले दो माहीने में अपनी रिपोर्ट देगी. इस मामले की अब अगली सुनवाई 30 जनवरी 2023 को होगी.