प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 26 दिसंबर को हुए साल के अंतिम सूर्य ग्रहण का उल्लेख करते हुए खगोल शास्त्र (Astronomy) में प्राचीन समय से ही भारत की निपुणता को याद किया. अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात (Mann Ki Baat) में राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर भारत के एक व्यक्ति रिपुन के आग्रह का उल्लेख किया. रिपुन अब दक्षिण भारत में नौकरी करते हैं. पुणे और ऊटी जैसे स्थानों पर खगोल केंद्रों के योगदानों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र में राष्ट्र की प्रगति की प्रशंसा की.
उन्होंने कहा ग्रहण हमें याद दिलाते हैं कि धरती पर रहते हुए हम अंतरिक्ष में यात्रा कर रहे हैं.. दोस्तों खगोल के मामले में भारत का इतिहास काफी पुराना और समृद्ध रहा है. आकाश में चमकते तारों से अपना संबंध हमारी सभ्यता की शुरुआत से है.
आप कई लोगों को पता होगा कि भारत में कई स्थानों पर वेधशालाएं हैं -जिन्हें देखना चाहिए. और इन वेधशालाओं का खगोल से गहरा संबंध है. आर्यभट्ट की विलक्षण प्रतिभा से कौन परिचित नहीं है.