मन की बात में बोले पीएम मोदी- देश के युवाओं को अराजकता और अव्यवस्था से चिढ़, नए साल और दशक के लिए नागरिक संकल्प लें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज मन की बात कार्यक्रम के 60वें एपिसोड में जनता को संबोधित किया. मन की बात का यह साल 2019 का आखिरी एपिसोड है. पीएम मोदी ने मन की बात में कहा, 2019 की विदाई के पल हमारे समाने हैं, अब हम न सिर्फ नए साल में प्रवेश करेंगे, बल्कि नए दशक में प्रवेश करेंगे. इसमें देश के विकास को गति देने में वे लोग सक्रिय भूमिका निभाएंगे, जिनका जन्म 21वीं सदी में हुआ है. पीएम मोदी ने कहा, देश के युवाओं को अराजकता, अस्थिरता और जातिवाद से चिढ़ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का युवा जात-पात से ऊंचा सोचता है. ये युवा परिवाववाद और जातिवाद पसंद नहीं करते हैं. इन दिनों हमारे देश के युवा सही व्यवस्था को पसंद करते हैं, वे सिस्टम को फॉलो करते हैं.

पीएम मोदी ने कहा, स्वामी विवेकानंद जी कहते थे कि युवावस्था की कीमत को न आंका जा सकता है. ये जीवन का सबसे मूल्यवान कालखंड होता है. आपका जीवन इस पर निर्भर करता है कि आप अपनी युवावस्था का उपयोग किस प्रकार करते हैं. पीएम ने कहा, मुझे विश्वास है कि भारत में ये दशक न सिर्फ युवाओं के विकास के लिए होगा बल्कि युवाओं के सामर्थ्य से देश का विकास करने वाला भी साबित होगा. भारत को आधुनिक बनाने में युवा पीढ़ी की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है.

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यहां सुनें मन की बात-

संसद ने तोड़ा 60 साल का रिकॉर्ड

पीएम मोदी ने कहा, पिछले 6 महीने में 17वीं लोकसभा के दोनों सदन में कार्यवाही काफी सफल रही है. इसके लिए सभी सांसद बधाई के पात्र है. सांसदों मे पिछले 60 साल के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. पीएम ने कहा, आपको जानकार अच्छा लगेगा कि हिमायत कार्यक्रम के अंतर्गत पिछले 2 साल में 18 हजार युवाओं को अलग -अलग ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जा चुका है. इनमें से करीब 5 हजार लोग तो अलग अलग जगह Job कर रहे हैं और बहुत सारे स्वरोजगार की ओर आगे बढ़ रहे हैं.

लोकल प्रोडक्ट्स को बढ़ावा दे जनता 

पीएम मोदी ने कहा, मैंने 15 अगस्त को लालकिले से देशवासियों से एक आग्रह किया था और देशवासियों से local खरीदने का आग्रह किया था. आज फिर से मेरा सुझाव है कि क्या हम स्थानीय स्तर पर बने उत्पादों को प्रोत्साहन दे सकते हैं? क्या उन्हें अपनी खरीदारी में स्थान दे सकते हैं. पीएम मोदी ने कहा, महात्मा गांधी ने स्वदेशी की इस भावना को एक ऐसे दीपक के रूप में देखा जो लाखों के जीवन को रोशन करता हो. गरीब से गरीब के जीवन में समृद्धि लाता हो. सौ साल पहले गांधी जी ने एक बड़ा जन आंदोलन शुरु किया. इसका एक लक्ष्य था भारतीय उत्पादों को प्रोत्साहित करना.

देश के नागरिक आत्मनिर्भर बनें

पीएम मोदी ने कहा, क्या हम संकल्प ले सकते हैं कि 2022 तक जब आजादी के 75 वर्ष पूरे होंगे, इन 2-3 साल हम स्थानीय उत्पाद खरीदने के आग्रही बनें? भारत में बना, जिसमें हमारे देशवासियों के पसीने की महक हो, ऐसी चीजों को खरीदने का हम आग्रह कर सकते हैं क्या. पीएम मोदी ने कहा, हम सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण है कि देश के नागरिक आत्मनिर्भर बनें और सम्मान के साथ अपना जीवन व्यापन करें. मैं एक ऐसी पहल की चर्चा करना चाहूंगा. वो पहल है जम्मू-कश्मीर का 'हिमायत' कार्यक्रम. हिमायत कार्यक्रम स्किल डेवलपमेंट और रोजगार से जुड़ा है.