पेजावर मठ के प्रमुख विश्वेश तीर्थ स्वामी का लंबी बिमारी के बाद उडुपी में निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक
विश्वेश तीर्थ स्वामी (Photo Credit-ANI)

बेंगलुरु: कर्नाटक के पेजावर मठ के प्रमुख विश्वेश तीर्थ स्वामी (Vishvesha Teertha Swami)  का रविवार सुबह उडुपी में निधन हो गया. विश्वेश तीर्थ लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनकी हालत पिछले कई दिनों से गंभीर बनी हुई थी. 20 दिसंबर को अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां शनिवार को उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी. हालात बिगड़ने के बाद उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर भी रखा गया था. उडुपी के कस्तूरबा अस्पताल अस्पताल में भर्ती विश्वेश तीर्थ स्वामी को उनकी इच्छा के मुताबिक श्री कृष्णा मठ में शिफ्ट किया गया था. मठ में उनका इलाज जारी रहने की बात कही गई थी, मठ में चिकित्सकों की टीम उनका इलाज कर रही थी. इलाज के बीच ही कृष्णा मठ में रविवार सुबह करीब साढ़े 9 बजे विश्वेश तीर्थ स्वामी का निधन हो गया.

बीजेपी नेता उमा भारती भी आज रविवार को उनसे मिलने पहुंची थीं. इससे पहले शनिवार को कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा भी उनका हालचाल लेने पहुंचे थे. स्वामी विश्वेश तीर्थ के निधन के बाद कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा ने विश्वेश तीर्थ स्वामी के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. बीएस येदियुरप्पा ने अपने शोक संदेश में लिखा,'भगवान कृष्ण उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें. मैं प्रार्थना करता हूं कि ईश्वर उनके भक्तों को इस दुख से निकलने की शक्ति प्रदान करें.'

पीएम मोदी का ट्वीट-

विश्वेश तीर्थ स्वामी के निधन पर पीएम मोदी ने भी शोक जताया. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, श्री पेजावर  मठ, उडुपी के श्री विश्वेश तीर्थ स्वामीजी लाखों लोगों के दिलों और दिमाग में बने रहेंगे, जिनके लिए वह हमेशा एक मार्गदर्शक थे. उन्होंने लगातार अधिक न्यायपूर्ण और दयालु समाज के लिए काम किया. ओम शांति. पीएम ने एक एनी ट्वीट में लिखा, मैं खुद को धन्य मानता हूं कि मुझे श्री विश्वेश तीर्थ स्वामीजी से सीखने के कई अवसर मिले. गुरु पूर्णिमा के पुण्य दिन पर हमारी हालिया मुलाकात भी यादगार रही. उनका त्रुटिहीन ज्ञान हमेशा साथ खड़ा था. मेरे विचार उनके अनगिनत अनुयायियों के साथ हैं.

बता दें कि विश्वेस तीर्थ स्वामी को सांस लेने में तकलीफ होने पर 20 दिसंबर को उडुपी के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद से उन्हें आईसीयू में रखकर उनका इलाज किया जा रहा था. 1992 में स्वामी विश्वेस तीर्थ से दीक्षा लेने वाली उमा भारती एक सप्ताह से ही उडुपी में हैं और वह लगातार स्वामी विश्वेश तीर्थ का हालचाल ले रही थीं. उमा भारती ने कहा था, "मेरे लिए वह न केवल गुरु हैं बल्कि पिता की तरह हैं."