Odisha: लग्जरी कार ना मिलने पर भड़के उठे राज्यपाल के बेटे, अधिकारी को पिटने का आरोप, जूते चाटने को भी कहा!

ओडिशा में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है जिसमें राज्यपाल रघुबर दास के बेटे ललित कुमार पर राज्यपाल भवन में एक अधिकारी पर हमला करने और दुर्व्यवहार करने का आरोप है. आरोप है कि राज्यपाल के बेटे ने अधिकारी को जूते चाटने को भी कहा. शिकायत के मुताबिक, यह सब इसलिए किया गया क्योंकि अधिकारी राज्यपाल के बेटे को पुरी रेलवे स्टेशन से लेने के लिए लक्ज़री कार नहीं भेज सका.

द इंडियन एक्सप्रेस ने इस मामले पर एक रिपोर्ट तैयार की है. पीड़ित अधिकारी का नाम बैकुंठ प्रधान है. उम्र 47 वर्ष. वे राज्यपाल भवन के हाउसहोल्ड सेक्शन में असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर ASO के रूप में काम करते हैं. पत्नी ने बताया कि उन्होंने लगभग 20 साल तक भारतीय वायु सेना में सेवा दी है.

शिकायत के मुताबिक, यह घटना 7 जुलाई की रात घटी. बैकुंठ पुरी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दौरे की तैयारी का निरीक्षण करने के लिए तैनात थे. रात 11:45 बजे, राज्यपाल के पर्सनल कुक ने उनसे कहा कि राज्यपाल के बेटे ललित कुमार उनसे तुरंत मिलना चाहते हैं.

लक्ज़री कार के लिए पीटा गया!

आरोप है कि जैसे ही बैकुंठ पहुँचे, ललित ने उनको डांटना शुरू कर दिया और गंदी गालियाँ दीं. जब बैकुंठ ने विरोध किया, तो उनके साथ मारपीट की गई. आरोप है कि ललित कुमार और पांच अन्य लोगों ने पुरी के राज्यपाल भवन परिसर में उनके साथ थप्पड़ मारे, मुक्के मारे और लात मारी. बैकुंठ प्रधान ने आरोप लगाया,

पीड़ित ने कहा - वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों और अन्य लोगों ने सब कुछ देखा. उन्होंने मेरे साथ थप्पड़ मारे, मेरे चेहरे पर मुक्के मारे, मेरे शरीर के हर हिस्से को लात मारी और मेरे बाएं पैर की टखने को मरोड़ दिया.

आरोप है कि ललित कुमार बैकुंठ पर पुरी रेलवे स्टेशन पर उनका स्वागत करने के लिए दो लक्ज़री कारें नहीं भेजने के लिए गुस्से में थे. शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि लड़ाई के दौरान, कुमार ने प्रधान से अपने जूते चाटने को कहा.

शिकायत करने पर क्या हुआ?

10 जुलाई को, राज्यपाल के प्रमुख सचिव को लिखित शिकायत दी गई, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. यह पता चला है कि बैकुंठ ने वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात की लेकिन उनसे अपना व्यवहार बदलने को कहा गया.

12 जुलाई को, भुवनेश्वर में, पीड़ित की पत्नी सायोज ने मीडिया को बताया कि 11 जुलाई को, वे शिकायत दर्ज करने के लिए पुलिस स्टेशन गए थे, लेकिन शिकायत नहीं ली गई. इसके बाद, उन्होंने शिकायत पुलिस को मेल कर दी. उन्होंने कहा, मेरे पति को राष्ट्रपति की ड्यूटी के लिए तैनात किया गया था न कि राज्यपाल के बेटे की सेवा करने के लिए.