पटना: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी को लेकर पूरे देश में विरोध हो रहा है. लोग सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस कानून का कहीं पर सबसे ज्यादा विरोध हो रहा है तो वह देश की राजधानी दिल्ली में, जहां लोग सड़कों पर उतर कर मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच प्रदर्शनकारियों को पुलिस समझाने की कोशिश कर रही है कि वे सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन ना करे. इसके बाद भी लोग मानने के को तैयार नहीं हैं. बल्कि प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारी पुलिस से भी भीड़ जा रहे हैं. इस बीच एनआरसी को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का एक बयान आया है. उन्होंने कहा कि बिहार में एनआरसी ( NRC) लागू नहीं होगा.
बता दें कि सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू लोकसभा के साथ ही राज्यसभा में नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन किया था. जिसके बाद से ही बिहार में नीतीश कुमार के खिलाफ लोग विरोध जता रहे हैं. खुद उनके पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर इस कानून को लेकर विरोध जता चुके हैं. ऐसे में सीएम नीतीश को लग रहा है कि यदि वे सीएए के बाद एनआरसी का समर्थन करते है तो इसका असर वोट बैंक पर पड़ सकता है. क्योंकि बिहार में 2020 में विधानसभा चुनाव होने वाला है. यह भी पढ़े: NRC और नागरिकता कानून को लेकर क्या आपके मन में भी डर, पढ़े और अभी दूर करें
Bihar Chief Minister Nitish Kumar: National Register of Citizens (NRC) will not be implemented in Bihar. (file pic) pic.twitter.com/0Yri4Q8rze
— ANI (@ANI) December 20, 2019
दरअसल मोदी सरकार के बारे में कहा जा रहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के बाद देश में एनआरसी भी लागू किया जाएगा. इस कानून को लागू किये जाने के बाद खासकर मुस्लिम समुदाय के लोगों को ज्यादा परेशानी होगी. इसलिए लोग नागरिकता संशोधन कानून के साथ ही अभी से ही एनआरसी का भी विरोध कर रहे हैं. हालांकि सरकार लोगों को समझाने की कोशिश कर रही है की एनआरसी को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच जो भय पैदा किया जा रहा है. वैसा कुछ भी नहीं हैं. एनआरसी से किसी की नागरिकता नहीं छिनेगी जायेगी.