अमृतसर: पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के नवनियुक्त अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) 23 जुलाई को कार्यभार संभालेंगे. सूबे के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amrinder Singh) को करीब 65 विधायकों के हस्ताक्षर वाला आमंत्रण भेजा है. सिद्धू ने अपने शपथ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पंजाब के राज्य पार्टी प्रभारी (AICC) हरीश रावत (Harish Rawat) को भी आमंत्रित किया है. सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच पिछले काफी समय से विवाद जारी है. पंजाब विधानसभा चुनाव: बसपा के साथ गठबंधन के बाद शिअद अब माकपा, भाकपा को साथ लाने के प्रयास में
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के कड़े विरोध के बाद भी नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया. हालांकि अभी तक मुख्यमंत्री और सिद्धू के बीच मतभेद खत्म नहीं हुए हैं. मुख्यमंत्री ने अभी तक सिद्धू को उनकी नियुक्ति के लिए बधाई नहीं दी है. साथ ही सिद्धू शिष्टाचार के नाते उनसे मिलने नहीं गए हैं. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, जो बिजली संकट और बेअदबी के मुद्दे पर अपनी सरकार के खिलाफ सिद्धू की कथित टिप्पणी से नाराज हैं.
Newly-appointed Punjab Congress chief Navjot Singh Sidhu will take charge on July 23. He has sent an invitation signed by around 65 MLAs to CM Amrinder Singh. Sidhu has also invited AICC in charge of Punjab, Harish Rawat to the programme: Sources pic.twitter.com/eOzm6WXt9B
— ANI (@ANI) July 21, 2021
बधुवार को पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के आवास पर पार्टी के करीब 60 विधायक उनसे मिलने पहुंचे, जिसे राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ चले रहे उनके विवाद के बीच पंजाब में पार्टी पर अपनी पकड़ दिखाने का सिद्धू का एक पैंतरा माना जा रहा है.
पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद अमृतसर पहुंचने पर मंगलवार को सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं और सिद्धू समर्थकों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया था. आज भी दिन में कांग्रेस के 62 विधायक सिद्धू के आवास पर एकत्र हुए और वह दो चार्टर्ड लग्जरी बसों में स्वर्ण मंदिर परिसर पहुंचे. स्वर्ण मंदिर पहुंचने पर पार्टी पदाधिकारियों ने उनका जोरदार स्वागत किया. हालांकि इस दौरान अमरिंदर और उनके विश्वासपात्र नदारद रहे.
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को अपना रुख सख्त करते हुए स्पष्ट किया कि वह सिद्धू से तब तक नहीं मिलेंगे, जब तक कि वह सार्वजनिक रूप से उनसे माफी नहीं मांग लेते. 2017 विधानसभा चुनाव से पहले सिद्धू बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे.