प्याज 100 क्विंटल से अधिक स्टॉक में नहीं रख सकेंगे रिटेल कारोबारी, मोदी सरकार ने किया स्टॉक लिमिट का ऐलान
प्याज (Photo Credit: PTI)

नई दिल्ली. प्याज (Onion) की बढ़ती कीमतों को लेकर पुरे देश में हाहाकार मचा हुआ है. आम जनता  प्याज की बढ़ती हुई कीमतों से परेशान है. इसी बीच केंद्र की मोदी सरकार (Modi Govt) ने प्याज को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. बता दें कि केंद्र सरकार (Central Government) ने प्याज व्यापारियों के स्टॉक (भंडारण) की सीमा तय कर दी है. केंद्र सरकार ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए प्याज (Onion) की जमाखोरी रोकने के लिए प्याज कारोबारियों पर स्टॉक लिमिट लागू करने का फैसला लिया है.

केंद्र सरकार (Modi Government) के इस फैसले के बाद प्याज (Onion) के रिटेल कारोबारी अपने स्टॉक में 100 क्विंटल से ज्यादा प्याज नहीं रख पाएंगे तो दूसरी तरफ प्याज के थोक व्यापारी अपने स्टॉक में 500 क्विंटल से ज्यादा प्याज नहीं रख सकते हैं. साथ ही राज्य सरकारों से कहा गया है कि वे प्याज जमाखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें.

केंद्र सरकार ने लागू की किया स्टॉक लिमिट-

बयान में कहा गया है कि बांग्लादेश (Bangladesh) और श्रीलंका (Sri Lanka) को न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) से कम पर निर्यात को तत्काल रोका जाएगा और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. यह भी पढ़े-प्याज की बढ़ती कीमतों पर ब्रेक लगाने के लिए केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, निर्यात पर तत्काल प्रभाव से लगाई रोक

अगस्त से प्याज (Onion) की कीमतों में उछाल आया है. दिल्ली (Delhi) और आसपास के इलाकों में प्याज का खुदरा दाम 60 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है. महाराष्ट्र जैसे प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में बाढ़ की वजह से इसकी आपूर्ति प्रभावित हुई है.

बयान में कहा गया है कि बाजार में प्याज की ऊंची कीमतों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं. निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है, व्यापारियों के लिए प्याज के स्टॉक की सीमा लागू की गई है और राज्य सरकारों से जमाखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा गया है. वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने अधिसूचना में कहा, ‘‘सभी किस्म के प्याज पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है.’’ डीजीएफटी आयात और निर्यात से संबंधित मुद्दों को देखता है.

इससे पहले 13 सितंबर को डीजीएफटी ने प्याज के निर्यात पर अंकुश के लिए 850 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) तय किया था. इस कदम का उद्देश्य घरेलू बाजार में प्याज कीमतों पर अंकुश लगाना था. कोई भी निर्यातक एमईपी से नीचे के भाव पर निर्यात नहीं कर सकता है.

राज्य सरकारों के पास स्टॉक की सीमा तय करने का अधिकार होता है। लेकिन इस बार केंद्र ने सीधे राज्यों पर स्टॉक की सीमा लागू की है.

केंद्र ने राज्यों को प्याज भंडारण की सीमा को कड़ाई से लागू करने और जमाखोरों के खिलाफ अभियान चलाने को कहा है. इस बीच, उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए केंद्र सरकार अपने बफर स्टॉक से 50,000 टन प्याज निकाल रही है.

(भाषा इनपुट के साथ)