Haryana Crisis: बीजेपी के साथ 'खेला' करने की कोशिश में दुष्यंत चौटाला का बिगड़ गया गेम? आज राज्यपाल से मिलेंगे कांग्रेस नेता
Dushyant Chautala | PTI

चंडीगढ़: हरियाणा में कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने बीजेपी नीत सरकार के राज्य विधानसभा में अल्पमत में आने के बाद उसे सत्ता से बेदखल करने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं. कांग्रेस नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल आज यानी शुक्रवार को हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मिलने के लिए तैयार है. कांग्रेस ने गुरुवार को राज्यपाल कार्यालय को पत्र लिखकर अपने प्रतिनिधिमंडल से शुक्रवार को मिलने के लिए समय मांगा था. Haryana Crisis: दुष्यंत चौटाला ने की फ्लोर टेस्ट की मांग, कहा- सरकार गिराने में देंगे कांग्रेस का साथ.

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुडा ने कहा कि बीजेपी सरकार अल्पमत में है, और वे कांग्रेस को समर्थन देने के दुष्यंत चौटाला के बयान का स्वागत करते हैं. एक तरफ दुष्यंत चौटाला बीजेपी सरकार को गिराने की कोशिश में है वहीं खुद उनके विधायक उनके साथ नहीं खड़े हैं.

दुष्यंत चौटाला के विधायक बीजेपी के साथ?

रिपोर्ट्स के अनुसार जेजेपी के तीन विधायकों और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के बीच पानीपत में मंत्री महिपाल ढांडा के आवास पर गुपचुप बैठक हुई. इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर ने दावा किया कि कई विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं और ‘‘चिंता की कोई बात नहीं’’ है. विपक्षी दलों द्वारा सरकार के अल्पमत में होने के दावे का जिक्र करते हुए खट्टर ने कहा, ‘‘जैसा वे सोच रहे हैं उनके पास संख्या बल नहीं है.’’

सरकार पर संकट नहीं: CM सैनी

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि उनकी सरकार संकट में नहीं है. सैनी ने कहा कि उनकी सरकार ने मार्च में विश्वास मत जीता था और ‘‘अगर विश्वास मत हासिल करने की बात आती है, तो समय आने पर मैं इसे फिर से साबित करूंगा.’’

सरकार के सदन में बहुमत खो देने संबंधी दावों को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आप दुष्यंत चौटाला से पूछें कि उनके पास कितने विधायक हैं?’’ दुष्‍यंत पर निशाना साधते हुए सैनी ने कहा कि पूर्व उपमुख्‍यमंत्री ने लोगों का भरोसा खो दिया है.

हरियाणा की विधानसभा में वर्तमान में 88 विधायक हैं. दो सीट-करनाल और रानिया रिक्त हैं. बीजेपी के 40, कांग्रेस के 30 और जजपा के 10 विधायक हैं. इनेलो और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक-एक सदस्य हैं. छह निर्दलीय सदस्य हैं.

बहरहाल, बीजेपी सरकार सुरक्षित नजर आ रही है. नियम के अनुसार, किसी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पिछले प्रस्ताव के छह महीने के भीतर नहीं लाया जा सकता. इस मामले में हरियाणा की बीजेपी नीत सरकार को फरवरी में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा था.