चंडीगढ़: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार से तीन निर्दलीय विधायकों द्वारा अपना समर्थन वापस लेने के बाद हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट की मांग की है. उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की. बुधवार को राज्यपाल को लिखे पत्र में, चौटाला ने कहा कि जेजेपी सरकार गठन के लिए किसी भी अन्य पार्टी को समर्थन देने के लिए तैयार है. Haryana Politics: कई विधायक हमारे संपर्क में... कौन किधर जाता है, फर्क नहीं पड़ता; हरियाणा सरकार संकट पर बोले पूर्व सीएम.
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि अगर विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा राज्य की नायब सैनी सरकार को गिराने का प्रयास करते हैं तो उनकी पार्टी इस कदम का समर्थन करेगी. चौटाला ने कहा कि यदि सैनी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो वे सरकार के खिलाफ मतदान करेंगे.
दुष्यंत चौटाला ने कहा, ‘मैं विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बताना चाहता हूं कि विधानसभा में मौजूदा संख्या को देखते हुए अगर इस सरकार को (लोकसभा) चुनाव के दौरान गिराने के लिए कोई कदम उठाया जाता है तो हम इसमें बाहर से उनका समर्थन करने पर पूरी तरह विचार करेंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब कांग्रेस को सोचना है कि वह भाजपा सरकार को गिराने के लिए कदम उठाती है या नहीं.’’
बता दें कि मार्च में बीजेपी द्वारा चौटाला के नेतृत्व वाली पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) से नाता तोड़ने के बाद नई सरकार का गठन हुआ था. सैनी ने मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफा देने के बाद पदभार संभाला और उन्हें राज्य में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए करनाल संसदीय सीट से मैदान में उतारा गया. जेजेपी सैनी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार का समर्थन नहीं कर रही है.
90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में सदस्यों की वर्तमान प्रभावी संख्या 88 है. सदन में बीजेपी के 40, कांग्रेस के 30 और जेजेपी के 10 विधायक हैं. इंडियन नेशनल लोकदल और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक-एक सदस्य हैं. छह निर्दलीय हैं. बीजेपी सरकार इस समय बहुमत के आंकड़े से दो अंक पीछे है. सदन की मौजूदा संख्या इस समय 88 है. सैनी सरकार को दो अन्य निर्दलीय विधायकों और हरियाणा लोकहित पार्टी के एकमात्र विधायक का समर्थन प्राप्त है.