नई दिल्ली, 9 दिसंबर. कृषि बिल (Farm Bills 2020) को लेकर अब मामला शांत होने की बजाय बढ़ गया है. किसानों ने केंद्र सरकार (Modi Govt) के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार पर हमलावर हो गई है. इसे के चलते विपक्ष के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की और एक ज्ञापन भी दिया है. जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi), सीपीआई के सीताराम येचुरी शामिल थे. इसे लेकर अब शिरोमणि अकाली दल ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है. SAD नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि अगर राज्यसभा और लोकसभा में वो अपनी जिम्मेदारी निभाते तो ये समस्या नहीं खड़ी होती.
शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि अगर राज्यसभा और लोकसभा में वो अपनी जिम्मेदारी निभाते तो ये मुसीबत खड़ी नहीं होती. तब वो चुप थे क्योंकि 2019 में उनके मैनिफेस्टों में APMC वापस लेने की बात थी. पार्टियों के इसी दोगलेपन के कारण किसान किसी पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं. यह भी पढ़ें-Farmers' Protest Updates: कृषि कानूनों पर मोदी सरकार के प्रस्ताव को किसानों ने नकारा, कहा-आंदोलन अब तेज होगा
ANI का ट्वीट-
अगर राज्यसभा और लोकसभा में वो अपनी जिम्मेदारी निभाते तो ये मुसीबत खड़ी नहीं होती। तब वो चुप थे क्योंकि 2019 में उनके मैनिफेस्टों में APMC वापिस लेने की बात थी। पार्टियों के इसी दोगलेपन के कारण किसान किसी पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं:राहुल गांधी की राष्ट्रपति से मुलाकात पर SAD नेता https://t.co/GhjkF9LFWP
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 9, 2020
चीमा ने आगे कहा कि बड़ी निराशाजनक बात है कि इतने दिनों के बाद भी ये मसला हल नहीं हो पाया. बातचीत का माहौल तब बन पाएगा जब भारत सरकार तीनों कानून रोक देती है. उसी वक्त शांति हो जाएगी. फिर जब सार्थक माहौल होगा तब सरकार आराम से बैठकें कर बातचीत कर सकती है.