कोरोना के खिलाफ जारी जंग के बीच महाराष्ट्र (Maharashtra) में एक तरफ कोरोना वायरस से जंग तो दूसरी तरफ सियासी घमासान अपने चरम पर है. एक तरफ जहां राज्य के सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पीएम मोदी से बुधवार को बात की. वहीं दूसरे दिन महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor BS Koshiyari ) ने इलेक्शन कमीशन से जल्द महाराष्ट्र विधान परिषद (Maharashtra Coucil Election) की 9 सीट पर चुनाव कराने की अपील की है. गवर्नर की अपील के बाद महाराष्ट्र विधान परिषद की 9 रिक्त सीटों के चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की बैठक कल होगी. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल होंगे.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के विधान परिषद में मनोनयन पर पेच फंस गया है. वहीं उद्धव ठाकरे को 27 मई तक उनका मनोनयन जरूरी है. लेकिन अब इससे उद्धव ठाकरे को थोड़ी राहत भरी खबर जरुर मिलेगी. बुधवार को उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी से फोन पर बात कर कहा था कि राज्य में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की जा रही है. जो अच्छी बात नहीं है. यह भी पढ़ें:- महाराष्ट्र: सीएम उद्धव ठाकरे ने सियासी संकट को लेकर किया पीएम मोदी को फोन, कही ये बात.
ANI का ट्वीट:-
A meeting of the Election Commission of India over elections to 9 vacant seats of Maharashtra Legislative Council, scheduled to be held tomorrow. Chief Election Commissioner Sunil Arora is scheduled to join the meeting via video conferencing. https://t.co/78idivrfYF
— ANI (@ANI) April 30, 2020
जानें सियासी खेल के पीछे की वजह
दरअसल उद्धव ठाकरे ने पिछले साल 28 नवंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. वर्तमान में उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र विधानसभा के किसी भी सदन के सदस्य नहीं है. जबकि भारत के संविधान के अनुसार किसी भी राज्य का मंत्री या मुख्यमंत्री वहां के विधान परिषद या विधानसभा का सदस्य होना चाहिए. ऐसे में शपथ ग्रहण के छह महीनों के भीतर निर्वाचित होना अनिवार्य है. ऐसे नहीं करने पर पद से इस्तीफा देना पड़ता है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का छह महीने का कार्यकाल 28 मई को पूरा होने जा रहा है. अगर बात नहीं बनी तो उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ सकता है.