पश्चिम बंगाल (West Bengal) में चुनाव के दौरान होने वाली हिंसा को रोकने के चुनाव आयोग (Election Commission) ने बड़ा लिया है. EC के निर्देशानुसार पश्चिम बंगाल में अब मतदान केंद्रों पर पर्याप्त केंद्रीय सुरक्षाबल तैनात रहेंगे. जबकि ममता बनर्जी सरकार की राज्य पुलिस (West Bengal police) मतदान केंद्रों के बाहर सुरक्षा व्यवस्था संभालेंगे. यानी 6 मई को होने वाले पांचवें चरण के मतदान के लिए अब पोलिंग बूथ के अंदर सिर्फ केंद्रीय बलों की तैनाती होगी और ममता सरकार की पुलिस पोलिंग बूथ से दूर रहेगी.
चुनाव आयोग के निर्देशानुसार मतदान केंद्र के अंदर राज्य पुलिस और केंद्रीय बल, दोनों का प्रवेश निषेध रहेगा. मतदान केंद्र के पीठासीन पदाधिकारी को जरुरत महसूस होगी, तभी उनके बुलाने पर पुलिस बल अंदर जाएंगे.
Election Commission of India: Neither West Bengal police nor central forces is allowed inside the polling booth (in the room where machines and EVMs are kept at the time of voting). They can enter if and when the Presiding Officer calls them in. pic.twitter.com/wM6ZSTAdmQ
— ANI (@ANI) May 1, 2019
पांचवें चरण में मतदान के लिए केंद्रीय सुरक्षाबलों की 578 कंपनियों को तैनात किया गया है. इसके अलावा किसी भी स्थिति से निपटने के लिए 142 क्विक रिसपॉन्स टीम को भी रिजर्व में रखा गया है. बंगाल पुलिस की जिम्मेदारी वोटरों की लाइन, लॉ एंड ऑर्डर के अलावा मतदान से जुड़ी अन्य व्यवस्था को देखने को होगी. सूत्रों की मानें तो अब पोलिंग बूथ की जिम्मेदारी CAPF को दी जाएगी.
बता दें कि पिछले चरणों में हुई हिंसा के बाद बीजेपी ने शिकायत की थी कि केंद्रीय बलों को हटाकर राज्य पुलिस को पोलिंग बूथ पर तैनात किया जा रहा है और चुनाव को प्रभावित किया जा रहा है. हालांकि हिंसा के बावजूद अभी तक के चार चरणों में मतदान 80 फीसदी से ऊपर देखा गया. 6 मई को होने वाले पांचवें चरण के मतदान में पश्चिम बंगाल की बंगांव, बैरकपुर, हावड़ा, उलुबेरिया, श्रीरामपुर, हुगली, आरामबाग सीट पर वोट डाले जाने हैं.