Delhi Assembly Elections 2025: ''धांधली की कोई गुंजाइश नहीं'', EVM हैकिंग के सवालों पर चुनाव आयोग ने दी सफाई, राजनीतिक दलों को दी चेतावनी (Watch Video)
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Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान हो गया है. दिल्ली में मतदान 5 फरवरी को एक ही चरण में होगा और वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी. 70 सीटों वाली विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को खत्म हो रहा है. इस बार आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने ईवीएम की पारदर्शिता और सुरक्षा पर उठ रहे सवालों पर सफाई दी. उन्होंने कहा कि ईवीएम पूरी तरह से फुलप्रूफ और सुरक्षित हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि ईवीएम में वायरस या बग आने का कोई सवाल ही नहीं है और अवैध वोट डालने की संभावना भी नहीं है. उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपने फैसलों में ईवीएम को भरोसेमंद करार दिया है.

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EVM हैकिंग के सवालों पर चुनाव आयोग ने दी सफाई

 7-8 दिन पहले ही EVM को चालू किया जाता है: EC

राजीव कुमार ने कहा कि मतदान प्रक्रिया को लेकर मतदाताओं और राजनीतिक दलों को हर कदम पर जानकारी दी जाती है. मतदान से 7-8 दिन पहले ही ईवीएम को चालू किया जाता है और सभी उम्मीदवारों के एजेंटों को इसमें शामिल किया जाता है. साथ ही, वोटिंग प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी होती है और फॉर्म 17C के जरिए मतगणना से पहले हर वोट का मिलान किया जाता है. चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की धांधली की कोई गुंजाइश नहीं है. दिल्ली के जागरूक मतदाता इस बार भी लोकतंत्र के इस पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे.

फॉर्म 7 के बिना हटाया नहीं जा सकता: CE

उन्होंने मतदाता सूची को लेकर उठे सवालों का भी जवाब दिया. राजीव कुमार ने कहा कि किसी भी नाम को फॉर्म 7 के बिना हटाया नहीं जा सकता. उन्होंने बताया कि मतदाता सूची में सुधार की प्रक्रिया में करीब 70 चरण होते हैं, जिनमें राजनीतिक दल और उम्मीदवार सक्रिय रूप से शामिल होते हैं.

''चुनाव की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी''

चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों द्वारा उठाई गई चिंताओं पर भी प्रतिक्रिया दी. कुछ दलों ने आरोप लगाया था कि कुछ समूहों के नाम मतदाता सूची से गलत तरीके से हटाए जा रहे हैं. राजीव कुमार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है और सभी दावे-आपत्तियां राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाती हैं.