नई सरकार को देश में 5जी की शुरुआत से पहले संकटग्रस्त दूरसंचार क्षेत्र का वित्तीय बोझ आसान करने, कुल शुल्क को घटाकर चार से पांच प्रतिशत करने तथा स्पेक्ट्रम की दरों की समीक्षा कर इसे किफायती बनाने के लिये तत्काल कदम उठाने चाहिये. दूरसंचार उद्योग के संगठन सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Cellular Operators Association of India) ने यह कहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल कर वापसी की है.
अगले कुछ दिनों के भीतर नयी सरकार के गठन हो जाने का अनुमान है. नयी सरकार जुलाई महीने में 2019-20 का पूर्ण बजट पेश करेगी. सीओएआई का अनुमान है कि पूर्ण बजट में उसकी कुछ लंबित मांगों पर विचार किया जा सकता है. संगठन को उम्मीद है कि शुल्क के 30 प्रतिशत की मौजूदा दर को घटाकर संकटग्रस्त दूरसंचार क्षेत्र को कुछ राहत दी जाएगी.
सीओएआई के महानिदेशक राजन मैथ्यू ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘लाइसेंस शुल्क, स्पेक्ट्रम इस्तेमाल शुल्क और समायोजित सकल राजस्व को पुनर्परिभाषित करने पर ध्यान देने की जरूरत है.’’ मैथ्यू ने शुल्क के आदर्श स्तर के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वैश्विक स्तर पर यह पांच प्रतिशत से अधिक नहीं है अत: चार से पांच प्रतिशत आदर्श होगा. उन्होंने कर्ज की पुनर्संरचना के बारे में पूछे जाने पर कहा कि कंपनियों को नीलामी में खरीदे जाने वाले स्पेक्ट्रम की कीमत का भुगतान करने के लिये अधिक समय दिया जाना चाहिये.