पटना: बिहार (Bihar) के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने शनिवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) सदस्य के तौर पर शपथ ली. राज्यसभा के सभापति सह उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) ने उन्हें संसद भवन के राज्यसभा स्थित चैम्बर में सदस्यता की शपथ दिलाई. उच्च सदन के सांसद के तौर पर शपथ लेने पर उन्होंने कहा कि वह हमेशा बिहार के विकास के लिए काम करते रहेंगे. बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी केंद्रीय मंत्री एवं एलजेपी संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के कारण रिक्त हुई राज्यसभा सीट से निर्विरोध निर्वाचित हुए है.
राज्यसभा सांसद के तौर पर शपथ लेने के बाद दिग्गज नेता ने पत्रकारों से कहा “दिल्ली आने का यह मतलब नहीं कि कोई राज्य की राजनीति से अलग हो जाएगा. मैं दिल्ली में रहकर बिहार की राजनीति करते रहूँगा और राज्यसभा में बिहार के मुद्दों को उठाते रहूँगा. मेरी रगों में सिर्फ बिहार, बिहार, बिहार ही है.” बिहार के गया जिले में खेत से नाबालिग लड़की का शव बरामद
Delhi: Bharatiya Janata Party leader Sushil Kumar Modi takes oath as a Rajya Sabha member from Bihar. pic.twitter.com/N5Zct4nGu7
— ANI (@ANI) December 12, 2020
इससे पहले उन्होंने कहा था कि बीजेपी ने उन्हें देश के उच्च सदन राज्यसभा में भेजकर बिहारवासियों की सेवा का अवसर दिया है और वह हर क्षण पार्टी तथा बिहार की जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे. नवंबर 2005 के बाद से, जब वह पहली बार उपमुख्यमंत्री बने, सुशील विधान परिषद के सदस्य रहे. वह 2004 में जीती गई भागलपुर लोकसभा सीट को छोड़कर राज्य की राजनीति में लौट आए थे.
सुशील ने 1970 के दशक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के रूप में काम करने के बाद दो दशक पूर्व समाप्त हो चुके पटना मध्य निर्वाचन क्षेत्र से विधायक के रूप में मुख्यधारा की राजनीति में अपना करियर शुरू किया था. आपातकाल के पूर्व के समय में पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के प्रमुख नेताओं में रहे अपने पुराने साथी एवं आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के 2000 में बिहार का मुख्यमंत्री बनने के बाद सुशील उनके खिलाफ चारा घोटाला मामले को उठाने में काफी सक्रिय रहे थे.