बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार और आरोप का दौरा अपने चरम पर है. तमाम दल एक अपनी पैठ को और भी मजबूत करने में जुटे हैं. लेकिन इस बार की लड़ाई बेहद दिलचस्प हो गई है. क्योंकि कई दलों ने अपने पुराने साथियों को छोड़कर नई राह चुनी है. वहीं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और महागठबंधन (Mahagathbandhan) एक दूसरे पर जमकर हमला कर रहे हैं. इसी कड़ी में सीएम नीतीश कुमार ने बड़ा दाव खेला है. दरअसल पश्चिमी चंपारण के वाल्मीकिनगर में चुनावी जनसभा को संबोधित करते समय नीतीश कुमार ने कहा कि हम तो चाहेंगे कि जितनी आबादी है, उसके हिसाब से आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसे लेकर हमारी कोई दो राय नहीं हैं.
वहीं, नीतीश कुमार के इस बयान के सियासी गहमागहमी एक बार फिर तेज हो गई है. इससे पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि आदरणीय नीतीश जी मानते है कि उन्होंने बिहार में 15 वर्ष के शासनकाल में शिक्षा,स्वास्थ्य,उद्योग चौपट करने के साथ-2 दो पीढ़ियों का वर्तमान और भविष्य बर्बाद किया है इसलिए वो बेरोजगारी, नौकरी, कारख़ाने,निवेश और पलायन पर कभी कुछ नहीं बोलते. क्या उन्हें इन मुद्दों पर नहीं बोलना चाहिए? यह भी पढ़ें:- Bihar Assembly Elections 2020: सचिन पायलट बोले-10 नवंबर को नीतीश कुमार की सरकार का जाना तय, महागठबंधन को मिलेगी बड़ी जीत.
बिहार में बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का चुनाव कल खत्म हो गया. वहीं, दूसरे चरण और तीसरे चरण का चुनाव होना है. जिसे लेकर सभी दल ताबड़तोड़ रैलियां कर रही हैं. इस दौरान LJP नेता चिराग पासवान और तेजस्वी यादव की रैलियों में भीड़ काफी जमा हो रही है. वहीं, एनडीए की रैलियों में लोगों की संख्या अधिक देखी जा रही है. फिलहाल बिहार की जनता किसे चुनती है और किसे नहीं यह तो चुनाव परिणाम आने पर ही पता चलेगा.